Ganga Expressway: दिल्ली से प्रयागराज 7 घंटे में... इस तारीख तक आपके लिए खुल जाएगा गंगा एक्सप्रेसवे
Ganga Expressway Opening Date: दिल्ली से प्रयागराज के बीच बनाए जा रहे गंगा एक्सप्रेसवे को जनता के लिए 31 दिसंबर तक खोले जाने का प्लान है. यूपी सरकार के सबसे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के शुरू होने पर महाकुंभ में लोग एक्सप्रेस वे के जरिये प्रयागराज तक का सफर कर सकेंगे.
Delhi to Prayagraj Distance: पिछले कुछ सालों में सरकार ने तेजी से सड़कों और हाइवे का जाल फैलाया है. यूपी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है. बारिश के मौसम में भी काम जारी है. सरकार का मकसद 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) को 31 दिसंबर तक जनता के लिए खोलना है. यह एक्सप्रेसवे मेरठ के बिजौली गांव को प्रयागराज के जूदापुर दांडू गांव से जोड़ेगा. इसके अलावा दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद दिल्ली से प्रयागराज का सफर करीब 7 घंटे में पूरा हो सकेगा.
रास्ते में होंगे कुल 32 फ्लाइओवर
राज्य सरकार की तरफ से काम करने वाली कंपनियों को दो बड़े पुलों को जल्द से जल्द बनाने के लिए कहा है. इसमें पहला मेरठ से बदायूं के बीच गंगा नदी के ऊपर 960 मीटर लंबा पुल है. दूसरा पुल बदायूं से हरदोई के बीच रामगंगा नदी के ऊपर 720 मीटर लंबाई का है. छह लेन की सड़क के पूरे रास्ते में 14 बड़े पुल, रेलवे लाइन के ऊपर 7 पुल, 32 फ्लाइओवर और शाहजहांपुर के जलालाबाद इलाके में लड़ाकू विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग के लिए 3.5 किमी लंबी हवाई पट्टी शामिल होगी.
महाकुंभ से पहले गाड़ियों का आवागमन होगा
एक्सप्रेसवे बनाने वाली संस्था यूपीडा (UPEIDA) ने अफसरों को हिदायतें दी हैं. यूपीडा की तरफ से कहा गया है कि 31 दिसंबर की समय सीमा से पहले सभी जरूरी स्ट्रक्चर और हाई-स्पीड सड़क बनकर तैयार हो जाएं. ताकि अगले साल जनवरी में होने वाले महाकुंभ के दौरान गाड़ियों का आना-जाना प्रयागराज के लिए गंगा एक्सप्रेस वे के जरिये आसान हो जाए. 36,230 करोड़ रुपये के बजट से बनने वाला गंगा एक्सप्रेसवे 12 जिलों को आपस में जोड़ेगा और आवागमन को बेहतर बनाएगा.
7453 हेक्टेयर जमीन पर तैयार किया जा रहा एक्सप्रेसवे
इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 518 गांवों से 7453 हेक्टेयर जमीन ली गई है. यह एक्सप्रेसवे 120 मीटर चौड़ा होगा और शुरुआत में इसकी 6 लेन होंगी. आने वाले समय में जरूरत के हिसाब से 2 और लेन को जोड़ा जा सकता है. गाड़ियों की रफ्तार की लिमिट अभी तय नहीं हुई है. लेकिन इस पर काम करने वाली कंपनियों को इस तरह बनाने के लिए कहा गया है कि गाड़ियां 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकें.
एक्सप्रेस वे को चार हिस्सों में बांटा गया
पूरे एक्सप्रेस वे को चार हिस्सों में बांटा गया है. पहला हिस्सा मेरठ से बदायूं का 129.70 किमी लंबा है और इसे IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर लिमिटेड बना रहा है. बाकी के तीनों हिस्सों को अडानी इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहा है. इसमें दूसरा हिस्सा बदायूं से हरदोई का 151.70 किमी लंबा है. तीसरा हरदोई से उन्नाव का है, जो कि 155.70 किमी लंबा है. चौथा और आखिरी हिस्सा उन्नाव से प्रयागराज का है, जो कि 156.85 किमी लंबा है.
मुख्य सड़क पर 82% मिट्टी का काम पूरा
इस पूरे प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य सड़क पर 82% मिट्टी का काम पूरा हो चुका है. इसी तरह 58% सड़क पर नीचे की परत का काम पूरा हो चुका है, जबकि 596 किलोमीटर लंबे हिस्से पर 50% से ज्यादा पक्की सड़क बन चुकी है. कुल 1481 स्ट्रक्चर में से निर्माण एजेंसियों ने 1215 स्ट्रक्चर का काम पूरा कर लिया है.
मेरठ और प्रयागराज के बीच मुख्य सड़क पर दो बड़े टोल प्लाजा बनाए जाएंगे. 15 और छोटे टोल प्लाजा गाड़ी चढ़ने और उतरने के रास्तों पर बनाए जाएंगे. रास्ते में यात्रियों के लिए 9 फैसिलिटी सेंटन बनाए गए हैं. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बीच आवागमन में काफी कम समय लगेगा.