अनिल अंबानी की इस कंपनी का बदल गया नाम, कभी 120 रुपया था शेयर का दाम, आज ट्रेड भी नहीं
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अनिल अंबानी की इस कंपनी का बदल गया नाम, कभी 120 रुपया था शेयर का दाम, आज ट्रेड भी नहीं

कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को जानकारी देते हुए कहा है कि कंपनी का नाम 2 जनवरी 2025 से ‘रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग लि.’ से बदलकर ‘स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लि.’ कर दिया गया है. 

अनिल अंबानी की इस कंपनी का बदल गया नाम, कभी 120 रुपया था शेयर का दाम, आज ट्रेड भी नहीं

Reliance Naval And Engineering: कभी अनिल अंबानी की कंपनी रही रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग लि. का नाम बदलकर स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लि. कर दिया गया है.

कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को जानकारी देते हुए कहा है कि कंपनी का नाम 2 जनवरी 2025 से ‘रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग लि.’ से बदलकर ‘स्वान डिफेंस एंड हेवी इंडस्ट्रीज लि.’ कर दिया गया है. 

स्वान एनर्जी ने कंपनी को खरीदा

इससे पहले, दिवालिया प्रक्रिया के तहत सफल बोलीदाता के रूप में उभरने के बाद हिंदुजा ग्रुप की कंपनी स्वान एनर्जी ने रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के प्रबंधन का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था. यह डील लगभग 2100 करोड़ रुपये में हुई थी.

NCLT ने कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोसेस के तहत हाजेल इंफ्रा लिमिटेड की बोली को मंजूरी दी थी. हाजेल इंफ्रा लिमिटेड, स्वान एनर्जी की 74 पर्सेंट हिस्सेदारी और हाजेल  मर्केंटाइल लिमिटेड की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी वाला स्पेशल पर्पस व्हीकल है.

लंबे समय से बाजार में नहीं हो रहा ट्रेड 

रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड (RNEL) पहले पीपावाव डिफेंस एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग लिमिटेड के नाम से जानी जाती थी. अनिल अंबानी की रिलायंस ग्रुप ने साल 2015 में इसे खरीद लिया था. 

हालांकि, कंपनी को फाइनेंशियल प्रॉब्लम का सामना करना पड़ा. जिसके बाद साल 2020 में भारतीय नौसेना ने RNEL के साथ 2,500 करोड़ रुपये के नौसैनिक अपतटीय गश्ती जलपोतों (NOPV) की सप्लाई के एग्रीमेंट को देरी के कारण रद्द कर दिया था.

रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड का शेयर लंबे समय से बाजार में ट्रेड नहीं हो रहा है. कभी 2010 में 120 रुपये की ऊंचाई पर पहुंचा यह शेयर निवेशकों के लिए घाटे का सौदा साबित हुआ. मार्च 2023 तक, इसकी कीमत 99% गिरकर मात्र 1.61 रुपये रह गई. कंपनी में प्रमोटर्स की कोई हिस्सेदारी नहीं है, और इसका 100% स्वामित्व पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है.

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