Go First Financial Crisis: वित्तीय संकट से जूझ रही एयरलाइन गो फर्स्ट (Gofirst Airline) के दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने की अर्जी लगाने को लीज पर विमान देने वाली कंपनी ने एनसीएलएटी (NCLAT) में चुनौती दी है. कंपनी एसएमबीसी एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने एनसीएलएटी (NCLAT) में इसे 'फर्जीवाड़ा' करार दिया है. गो फर्स्ट (Gofirst) की दिवाला समाधान अर्जी को एनसीएलटी (NCLT) ने स्वीकार करते हुए समाधान पेशेवर भी नियुक्त कर दिया है. इसके अलावा कर्ज अदायगी पर स्थगन भी लगा दिया गया.


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विमानों को वापस लेना चाहती है एसएमबीसी


एनसीएलटी का आदेश आने के कुछ ही घंटों के अंदर एसएमबीसी ने एनसीएलएटी (NCLAT) में अपील दायर कर दी. कंपनी का पक्ष रखते हुए वकील अरुण कठपालिया ने कहा कि एनसीएलटी (NCLT) का स्थगन आदेश आने के पहले ही एयरलाइन के साथ विमानों की लीज निरस्त कर दी गई थी और एसएमबीसी अब दिवाला प्रक्रिया के जरिये अपने विमानों को वापस लेना चाहती है.


गो फर्स्ट का इन विमानों पर कोई अधिकार नहीं
वकील ने कहा, 'गो फर्स्ट का इन विमानों पर कोई अधिकार नहीं है क्योंकि इनका स्वामित्व उसके पास नहीं है.' कठपालिया ने सवालिया अंदाज में कहा कि एनसीएलटी (NCLT) ने विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों का पक्ष सुने बगैर ही एक दिन में गो फर्स्ट की अर्जी पर सुनवाई पूरी कर ली. उन्होंने कहा, 'आखिर क्या जल्दबाजी थी. जब खुद याची कंपनी ही कह रही थी कि किसी भी वित्तीय कर्जदाता के प्रति कोई चूक नहीं हुई है.'


एसएमबीसी की अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई
हालांकि एसएमबीसी की अर्जी पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई. अपीलीय न्यायाधिकरण की दो-सदस्यीय पीठ एसएमबीसी की याचिका पर सुनवाई जारी रखेगी. पीठ ने गो फर्स्ट के प्रमोटर्स को भी इस मामले में एक पक्ष बनाने की अर्जी लगाने को कहा है. इस बीच गो फर्स्ट को लीज पर विमान देने वाली दो अन्य कंपनियों- जीवाई एविएशन और एसएफवी एयरक्राफ्ट होल्डिंग ने भी दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी (NCLAT) में अपील दायर कर दी है.