5g Service: बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज ने सोमवार को कहा कि रिलायंस जियो और भारती एयरटेल 5जी स्पेक्ट्रम देशव्यापी स्तर पर खरीद पाने की स्थिति में हैं लेकिन वोडाफोन आइडिया को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.


5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि एक खास सर्किल में 5जी स्पेक्ट्रम के लिए बोली न लगाने वाली किसी भी दूरसंचार कंपनी के लिए मौजूदा 4जी बैंड पर 5जी सेवा दे पाना मुश्किल होगा. इसकी वजह यह है कि मौजूदा नेटवर्क पहले ही पूरी क्षमता पर चल रहे हैं, लिहाजा खाली स्पेक्ट्रम सीमित ही रह गए हैं.


5जी स्पेक्ट्रम का ऊंचा आरक्षित मूल्य


रिपोर्ट के मुताबिक, ‘5जी स्पेक्ट्रम का ऊंचा आरक्षित मूल्य होने से कोई नई दूरसंचार कंपनी इस नीलामी में बोली लगाने से परहेज करेगी. सिर्फ मजबूत बही-खाते वाली कंपनियां, मसलन रिलायंस और भारती ही देशभर में 5जी स्पेक्ट्रम खरीद पाने की स्थिति में हैं. यह अभी साफ नहीं है कि वोडाफोन आइडिया 5जी स्पेक्ट्रम के लिए किस तरह से कोष जुटाएंगी.’


3जी एवं 4जी सर्किलों में चुनिंदा बोलियां


बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषकों का मत है कि वोडाफोन आइडिया का प्रबंधन शीर्ष प्रमुख सर्किलों पर केंद्रित है और कंपनी अपने प्रमुख 3जी एवं 4जी सर्किलों में चुनिंदा बोलियां लगा सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, ‘हमें लगता है कि वोडाफोन आइडिया को अगर देशभर में 5जी स्पेक्ट्रम नहीं मिलता है तो वह और भी कमजोर हो जाएगी.’


स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी कब?


इस बारे में वोडाफोन आइडिया की राय जानने के लिए भेजे गए ईमेल का तत्काल कोई जवाब नहीं मिल पाया है. रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि सेवा प्रदाता इस नीलामी में 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड को लेकर अधिक दिलचस्पी दिखाएंगे क्योंकि यह 5जी का बुनियादी बैंड है. वहीं प्रीमियम माना जाने वाला 700 मेगाहर्ट्ज अपनी ऊंची कीमत के कारण कम ही कंपनियों को रास आएगा. सरकार जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में स्पेक्ट्रम की अगली नीलामी कर सकती है. इसके आधार पर देश में अगस्त-सितंबर तक 5जी सेवाएं शुरू होने की उम्मीद है.


(इनपुट- भाषा)


LIVE TV