नई सरकार के लिए अच्छी खबर आई...12 महीने में सबसे कम महंगाई, जानिए क्या हुई सस्ती, कहां महंगाई ने रुलाया ?
Retail Inflation: महंगाई के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत भरी खबर आई है. खुदरा महंगाई दर 12 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. मई 2024 में खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है. सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक मई 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है.
Retail Inflation Data: महंगाई के मोर्चे पर सरकार के लिए राहत भरी खबर आई है. खुदरा महंगाई दर 12 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है. मई 2024 में खुदरा महंगाई दर में गिरावट देखने को मिली है. सरकार की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक मई 2024 में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर आ गई है. ये आंकड़ा अप्रैल 2024 में 4.83 फीसदी रही था
महंगाई के मोर्चे पर राहत
मई में खुदरा महंगाई दर घटकर 4.75 फीसदी पर पहुंच गया है. अगर खाद्य महंगाई दर की बात करें तो इसमें मामूली कमी आई है. मई में खाद्य महंगाई दर 8.69 फीसदी था, जो अप्रैल के 8.70 फीसदी रहा था. खाद्य महंगाई दर में भले ही कमी आई हो, लेकिन साग-सब्जियों और दाल की महंगाई लोगों की चिंता बढ़ा रही है.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें
खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मामूली गिरावट से खुदरा मुद्रास्फीति मई में घटकर 4.75 प्रतिशत पर आ गयी. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल, 2024 में 4.83 प्रतिशत और मई, 2023 में 4.31 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.69 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 8.70 प्रतिशत थी.
कुल मुद्रास्फीति में फरवरी, 2024 से लगातार कमी आई है. यह फरवरी में 5.1 प्रतिशत थी और अप्रैल, 2024 में घटकर 4.8 प्रतिशत पर आ गई. सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि सीपीआई मुद्रास्फीति दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर बनी रहे. इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने 2024-25 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
क्या-क्या हुई सस्ती
सरकारी डेटा के मुताबिक अप्रैल 2024 की कुलना में सालाना आधार पर मसालों के दाम में कमी आई है. इसके अलावा कपड़ा, जूते, घर, अन्य खाने-पीने की चीजें सस्ती हुई हैं. इसमें पहली तिमाही में इसके 4.9 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. केंद्रीय बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है.
हरी सब्जियां, दालों की महंगाई से परेशान
मई महीने में भले ही खुदरा महंगाई दर में कमी आई है, लेकिन साग-सब्जियों और दालों में महंगाई में तेजी बनी हुई है. साग-सब्जियों की महंगाई दर मई में 27.33 फीसदी रही है, जबकि अप्रैल में यह 27.80 फीसदी रही थी. वहीं दालों की महंगाई दर में मई महीने में 17.14 फीसदी रही है जो अप्रैल में 16.84 फीसदी रही थी. इसी तरह से फलों की महंगाई दर 6.68 फीसदी रही है जो अप्रैल में 5.94 फीसदी रही थी.