मुंबई: केंद्र सरकार ने आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) का दायरे बढ़ाते हुए रविवार को नागरिक उड्डयन क्षेत्र को भी इसमें शामिल कर दिया. इस निर्णय से कोविड-19 के कारण बुरी तरह प्रभावित नागरिक उड्डयन क्षेत्र को नकदी की कमी के संकट से राहत मिलेगी.


नकदी की समस्या होगी कम


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उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र को ईसीएलजीएस योजना में शामिल का करने का निर्णय सही समय पर लिया गया है. इससे इस क्षेत्र पर दबाव थोड़ा कम होगा और नकदी की समस्या कम होगी. कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित नागरिक उड्डयन क्षेत्र को सरकार से मदद की उम्मीद थी.


घरेलू एयरलाइंस में यात्रियों की क्षमता बढ़ी


नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हाल ही में घरेलू एयरलाइंस को कोविड-19 की दूसरी लहर के मद्देनजर एक जून से क्षमता को 50 प्रतिशत सीमित करने की अनुमति दे दी थी. कोरोना के बढ़ते मामलों को नियंत्रण में करने के लिए कई राज्यों में लगे प्रतिबंधों से हवाई यातायात में काफी कमी आई है.


ईसीएलजीएस का दायरा बढ़ा


वित्त मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि कोविड-19 के कारण कई तरह की आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई है जिसे देखते हुए ईसीएलजीएस का दायरा बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. नागरिक उड्डयन क्षेत्र को ईसीएलजीएस 3.0 योजना के तहत शामिल किया गया है. मार्च में हॉस्पिटेलिटी, यात्रा और पर्यटन क्षेत्र को ईसीएलजीएस 3.0 योजना में शामिल किया गया था.


बकाया की सीमा भी घटी


वित्त मंत्रालय ने साथ ही ईसीएलजीएस 3.0 के तहत बकाया की 500 करोड़ रुपये की मौजूदा सीमा भी हटा दी है. प्रत्येक कर्जदार के लिए ईसीएलजीएस सहायता को 40 प्रतिशत या 200 करोड़ रुपये में से जो भी कम हो, उस तक कर दिया गया है. विमानन उद्योग से जुड़े लोगों ने सरकार इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे क्षेत्र में नकदी की कमी के संकट से राहत मिलेगी.