नई दिल्ली: पेट्रोल और डीजल (Petrol and Diesel) के लिए उपभोक्ताओं को आने वाले दिनों में ज्यादा कीमत चुकाने पड़ सकते हैं, क्योंकि सरकार तेल खुदरा दाम पर प्रीमियम यानी अधिमूल्य को लेकर तेल कंपनियों की मांग पर विचार कर रही है. कम प्रदूषण वाले तेल पर कंपनियों के निवेश की रिकवरी के मद्देनजर सरकार पेट्रोल और डीजल पर प्रीमियम चार्ज करने की अनुमति दे सकती है.


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सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोलियम मंत्रालय से वाहन ईंधनों के दाम बढ़ाने की एक योजना का समर्थन करने की अपील की है ताकि उनको बीएस-स्टेज-6 के ईंधन बनाने के लिए अपने रिफाइनरी को अपग्रेड करने में होने वाले निवेश का एक अंश हासिल करने में मदद मिल सके.


अगले 5 साल तक चुकाना पड़ेगा
अगर सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगी तो उपभोक्ताओं को पेट्रोल और डीजल के खुदरा दाम पर क्रमश: 80 पैसे और 1.50 रुपये प्रति लीटर के करीब प्रीमियम अगले पांच साल तक चुकाना पड़ेगा जिससे उनकी परेशानी काफी बढ़ जाएगी.


पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की मांग कमजोर रहने के कारण कीमतें एक सीमित दायरे में रही हैं जिससे तेल विपणन कंपनियां हाल के दिनों में तेल के दाम में मामूली कटौती या वृद्धि करती रही हैं. लेकिन अगर प्रीमियम प्रभार को मंजूरी मिलती है तो पेट्रोल और डीजल के दाम में वृद्धि हो जाएगी.