नई दिल्ली : सरकार ने विदेशों में अघोषित धन व संपत्ति रखने वालों के लिए उसका ब्यौरा कर विभाग को 30 सितंबर तक देकर नियमों का अनुपालन करने का अवसर दिया है।


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नए कानून के तहत इस तरह के धन पर कर एवं जुर्माने का भुगतान 31 दिसंबर तक किया जा सकता है और इसका अनुपालन कर व्यक्ति और इकाइयां अभियोजन से बच सकती हैं। वित्त मंत्रालय ने आज जारी एक बयान में कहा कि यह सुविधा एक बार के लिए है। इसका इस्तेमाल करने वालों को घोषित संपत्ति पर 30 प्रतिशत कर और इतनी ही दर से जुर्माना देना होगा।


विदेशों में अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण) अधिनियम 2015 के तहत अघोषित संपत्ति पकड़े जाने पर जुर्माना 90 प्रतिशत की दर से लगाया जाएगा जो 30 प्रतिशत कर के अतिरिक्त होगा। इसके अलावा, उस व्यक्ति पर अपराधिक मुकदमा भी चलाया जा सकता है और उसके तहत उसे 10 साल कैद की सजा भी हो सकती है।


वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सरकार ने नए कानून के तहत तीन महीने के अनुपालन के अवसर को अधिसूचित कर दिया है। इस अवधि में अघोषित धन संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करने वालों को और तीन महीने का समय 31 दिसंबर तक का समय दिया जाएगा जिसमें वे कर और जुर्माने का भुगतान कर सकेंगे।


‘इस कानून के अनुपालन संबंधी प्रावधानों के तहत भारत से बाहर अघोषित संपत्तियों के संबंध में घोषणा के लिए केन्द्र सरकार ने 30 सितंबर, 2015 की तारीख तय की है।’ व्यक्ति उस दिन तक या उससे पहले इस संदर्भ में संपत्ति की घोषणा कर सकते हैं। यह अधिनियम संसद ने मई में पारित किया था जिसे 26 मई, 2015 को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिसूचित किया गया।