वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी कलेक्शन दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. मंत्रालय ने कहा, ‘सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया.
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GST Collection on Record Leval: देश में अप्रैल महीने में वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है. अप्रैल महीने में यह पहली बार यह 2.10 लाख करोड़ रुपये रहा है. इसके साथ ही, जीएसटी कलेक्शन में साल- दर-साल के आधार पर 12.4 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया. वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, यह इजाफा घरेलू लेन-देन और आयात में तेजी से बढ़ोतरी के कारण हुई है. घरेलू लेन-देन में 13.4 प्रतिशत और आयात में 8.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.
2 लाख करोड़ के आंकड़े को पार किया
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जीएसटी कलेक्शन दो लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है. मंत्रालय ने कहा, ‘सकल वस्तु एवं सेवा कर (GST) कलेक्शन अप्रैल 2024 में 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. यह सालाना आधार पर 12.4 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है, जो घरेलू लेनदेन (13.4 प्रतिशत की वृद्धि) और आयात (8.3 प्रतिशत की वृद्धि) में मजबूत वृद्धि के दम पर मुमकिन हो पाया.'
1.78 लाख करोड़ रुपये था पिछले साल कलेक्शन
पिछले साल यह कलेक्शन 1.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा था, जबकि अप्रैल 2023 में यह 1.87 लाख करोड़ रुपये था. ‘रिफंड’ के बाद अप्रैल 2024 के लिए शुद्ध जीएसटी रेवेन्यू 1.92 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 17.1 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्शाता है. अप्रैल में केंद्रीय जीएसटी संग्रह 43,846 करोड़ रुपये और राज्य जीएसटी 53,538 करोड़ रुपये रहा.
देश की इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत
एकीकृत जीएसटी 99,623 करोड़ रुपये रहा जिसमें आयातित वस्तुओं पर एकत्र 37,826 करोड़ रुपये शामिल हैं. उपकर संग्रह 13,260 करोड़ रुपये रहा, जिसमें आयातित वस्तुओं पर संग्रहित 1,008 करोड़ रुपये शामिल हैं. जीएसटी कलेक्शन में आई बढ़ोतरी देश की इकोनॉमी के लिए अच्छा संकेत है. यह इस बात का इशारा है कि देश में चीजों को खरीदने और बेचने में तेजी आई है. साथ ही आयात भी बढ़ा है. इससे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी आर्थिक सुधार में मदद मिलेगी.
आपको बता दें देश में 1 जुलाई 2017 से जीएसटी (GST) को लागू किया गया था. जीएसटी लागू करने से राज्यों को होने वाले किसी भी प्रकार के घाटे की भरपाई का वादा किया गया था. यह भरपाई जीएसटी (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 के तहत पांच साल की अवधि के लिए दी जानी थी.