Hindustan Zinc Split Plan: भारत सरकार की तरफ से वेदांता ग्रुप की खनन कंपनी हिंदुस्तान जिंक को अलग-अलग यून‍िट में बांटने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है. एक अध‍िकारी ने इस बारे में जानकारी दी. सरकार ह‍िन्‍दुस्‍तान ज‍िंक में सबसे बड़ी माइनोर‍िटी शेयर होल्‍डर (Largest Minority Shareholder) है. इसमें सरकार की 29.54 प्रत‍िशत की हिस्सेदारी है. कंपनी की तरफ से फर्म को बांटने और जस्ता, सीसा, चांदी और रीसाइक्लिंग कारोबार के ल‍िए अलग-अलग संस्थाएं बनाने का फैसला लेते समय उससे सलाह नहीं ली गई. खान सचिव वीएल कांता राव ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, 'हम प्रस्ताव से सहमत नहीं हुए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

'हम एक शेयरहोल्‍डर के तौर पर आश्‍वस्‍त नहीं'


हिंदुस्तान जिंक ने पहले अपने मार्केट कैप को बढ़ाने के लिए जस्ता और चांदी के कारोबार को अलग-अलग यून‍िट में बांटने की योजना की घोषणा की थी. प्रस्ताव खारिज करने का कारण पूछने पर सचिव ने कहा, 'हमारे सामने जो भी बात रखी गई है उससे हम एक शेयरहोल्‍डर के तौर पर आश्‍वस्‍त नहीं है.' हिंदुस्तान जिंक की तरफ से पहले कहा गया था क‍ि उसने कारोबार के बंटवारे के ल‍िए अपनी प्‍लान‍िंग की स्‍टडी के ल‍िए एक कंसलटेशन फर्म को हायर क‍िया है.


अपनी आपत्ति के बारे में जानकारी दी
इससे पहले, हिंदुस्तान जिंक ने कहा था कि कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर्स ने 'संभावित मूल्य खोलने के लिए अपने कॉरपोरेट ढांचे की व्यापक समीक्षा' करने का फैसला लिया है. हिंदुस्तान जिंक का मैनेजमेंट करने वाले खान मंत्रालय ने कंपनी को अपनी आपत्ति के बारे में जानकारी दे दी है. सरकार के खान मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और हिंदुस्तान जिंक ने फिलहाल टिप्पणी के लिए किए गए अनुरोध का जवाब नहीं दिया है.


इससे पहले मार्च में, सरकार ने हिंदुस्तान जिंक के वेदांता की दो यून‍िट को खरीदने के दूसरे प्रस्ताव का विरोध किया था. उस समय सेबी को एक पत्र के जर‍िये अपने विरोध के बारे में जानकारी दी गई थी. इसके बाद इस प्‍लान‍िंग पर काम छोड़ दिया गया था.