महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार की `फुलप्रूफ` तैयारी, नहीं बढ़ेगा गेहूं का दाम; जानिए क्या है प्लान
Inflation In India: भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भारतीय खाद्य निगम खुले बाजार में गेहूं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए 2325 रुपये से लेकर 2300 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेचेगा.
Wheat Price: केंद्र सरकार कीमतों पर लगाम लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार कर चुकी है. खाद्य वस्तुओं की महंगाई पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने गुरुवार को थोक घरेलू उपभोक्ताओं को मार्च 2025 तक 25 लाख टन एफसीआई गेहूं बेचने की घोषणा की है.
गेहूं की बिक्री सरकार की खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) पहल के तहत की जाएगी. इसका प्रबंधन सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा, आपूर्ति और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
2300-2325 रुपये प्रति क्विंटल तय
खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ओएमएसएस के तहत गेहूं के लिए आरक्षित मूल्य उचित एवं औसत गुणवत्ता (एफएक्यू) अनाज के लिए 2,325 रुपये प्रति क्विंटल और यूआरएस (थोड़ी कम गुणवत्ता वाले) अनाज के लिए 2,300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "भारत सरकार ने निर्णय लिया है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) खुले बाजार में गेहूं की कीमत को नियंत्रित करने के लिए आटा मिलों/गेहूं उत्पादों के निर्माताओं/प्रोसेसरों/गेहूं के अंतिम उपयोगकर्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से बिक्री के लिए ओपन मार्केट सेल्स स्कीम (घरेलू) 2024 के तहत खुले बाजार में 25 एलएमटी गेहूं बेचेगा.
पिछले साल FCI ने बेचा था 10 लाख टन गेहूं
31 मार्च 2025 तक ई-नीलामी के माध्यम से निजी पक्षकारों को गेहूं बेचा जाएगा, जिसमें आटा मिलें, गेहूं उत्पाद बनाने वाले, प्रसंस्करणकर्ता और अंतिम उपयोगकर्ता शामिल हैं. हालांकि, सरकार ने थोक उपयोगकर्ताओं को एफसीआई गेहूं की बिक्री शुरू करने की तारीख के बारे में जानकारी नहीं दी. पिछले साल, एफसीआई ने ओएमएसएस के तहत थोक उपयोगकर्ताओं को 10 लाख टन से अधिक गेहूं बेचा था.