Kanda Express: प्याज की कीमतों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने नई योजना तैयार की है. प्याज की बढ़ती डिमांड और बढ़ते भाव को कंट्रोल करने के लिए पहली बार प्याज की ढुलाई के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है. सरकार ने प्याज की ढुलाई के लिए रेलवे की स्पेशल ट्रेन कांदा एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है. इस स्पेशल ट्रेन के जरिए बफर स्टॉक का प्याज देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाएगा.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

20 अक्टूबर को दिल्ली आएगी कांदा एक्सप्रेस  


उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि ‘कांदा एक्सप्रेस’ नाम की विशेष ट्रेन महाराष्ट्र के लासलगांव रेलवे स्टेशन से रवाना होगी और 20 अक्टूबर को दिल्ली के किशनगंज रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी.  सरकार को उम्मीद है कि इस आपूर्ति से दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कीमतों को स्थिर करने में मदद मिलेगी, जहां बफर स्टॉक का प्याज वर्तमान में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर बेचा जा रहा है. वर्तमान में विभिन्न शहरों में प्याज की खुदरा कीमतें 75 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं।


पहली बार चलेगी इस तरह से स्पेशल ट्रेन  


उन्होंने कहा कि इसी तरह की व्यवस्था लखनऊ, वाराणसी और असम, नगालैंड तथा मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों में भी की जाएगी. सरकार नुकसान को कम करने के लिए ‘सीलबंद कंटेनर’ परिवहन के लिए लॉजिस्टिक कंपनी कॉनकॉर्ड के साथ भी बातचीत कर रही है. थोक कीमतें कम करने के लिए प्याज की नीलामी मौजूदा बाजार दरों पर की जाएगी. सचिव ने कहा कि यह निर्णय लागत प्रभावी और कुशल उपाय है.  


ट्रेन चलाने का क्या होगा फायदा  


उन्होंने कहा कि नासिक से दिल्ली तक एक ट्रेन के परिवहन पर रेल द्वारा 70.20 लाख रुपये का खर्च आता है, जबकि सड़क मार्ग से 84 लाख रुपये का खर्च आता है, इस प्रकार प्रति ट्रेन 13.80 लाख रुपये की बचत होती है. सरकार पांच सितंबर से मोबाइल वैन, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) दुकानों, ई-कॉमर्स मंच, मदर डेयरी की सफल दुकानों और केन्द्रीय भंडार सहित विभिन्न माध्यमों से भंडार में रखे प्याज को रियायती दरों पर बेच रही है. 


कैसे नियंत्रित होगी प्याज की खुदरा कीमतें  


खुदरा कीमतें कम करने के लिए अपनी कार्रवाई तेज करते हुए दिवाली से पहले ‘मोबाइल वैन’ की संख्या 600 से बढ़ाकर 1,000 कर दी जाएगी. बफर स्टॉक के 4.7 लाख टन प्याज में से 91,960 टन एनसीसीएफ तथा नेफेड को आवंटित किया गया है. वहीं 86,000 टन गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों को भेजा गया है. इन उपायों और महाराष्ट्र से अपेक्षित ताजा फसल की आवक के साथ सरकार मूल्य स्थिरीकरण को लेकर आशान्वित है. इनपुट- भाषा