जहाज बनाने वाली कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में सरकार, 1900 करोड़ की लगी बोली, धड़ाम हुए शेयर
जहाज बनाने वाली कंपनी में सरकार अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. कोचीन शिपयार्ड में सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. सरकार यह हिस्सेदारी OFS के जरिए बेचेगी.
Cochin Shipyard: जहाज बनाने वाली कंपनी में सरकार अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है. कोचीन शिपयार्ड में सरकार अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है. सरकार यह हिस्सेदारी OFS के जरिए बेचेगी. इसके लिए 1900 करोड़ की बोली लगाई गई है. इसके लिए न्यूनतम बोली 1540 रुपये लगाई गई है.
सरकार 16 अक्तूबर से 1540 रुपये प्रति शेयर के न्यूनतम मूल्य पर कोचीन शिपयार्ड की हिस्सेदारी बेचेगी. कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) में बिक्री गैर-खुदरा निवेशकों के लिए खोली गई, जबकि कोचीन शिपयार्ड के खुदरा निवेशक और कर्मचारी गुरुवार 17 अक्तूबर को बोली लगा सकेंगे.
1900 करोड़ की बोली
कोचीन शिपयार्ड में सरकार की पांच प्रतिशत शेयर बिक्री के लिए बुधवार को संस्थागत निवेशकों से 1,900 करोड़ रुपये से अधिक की बोलियां प्राप्त हुईं. सरकार अधिक अभिदान मिलने पर अतिरिक्त हिस्सेदारी बेचने का विकल्प अपनाएगी. संस्थागत निवेशकों ने उपलब्ध शेयरों के मुकाबले अधिक बोलियां लगाईं. कुल 59.19 लाख शेयरों की पेशकश के मुकाबले, संस्थागत खरीदारों ने 1.28 करोड़ शेयरों के लिए बोली लगाई. दो दिवसीय बिक्री पेशकश में सरकार 2.5 प्रतिशत इक्विटी या 65.77 लाख शेयर का विनिवेश कर रही है.
इसके लिए कीमत 1,540 रुपये प्रति शेयर तय की गयी है. इस न्यूनतम मूल्य पर ज्यादा बोली आने पर अतिरिक्त 2.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का विकल्प रखा गया है. सरकार ने इस विकल्प का उपयोग करने का फैसला किया है. खुदरा खरीदार बृहस्पतिवार को शेयरों के बिक्री के लिए बोली लगाएंगे. इस मूल्य पर शेयर बिक्री से सरकारी खजाने को 1,980 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होने की उम्मीद है.
धड़ाम हुए शेयर
बता दें कि सरकार के पास वर्तमान में कोचीन शिपयार्ड में 72.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कोचीन शिपयार्ड का शेयर बीएसई में पिछले बंद भाव के मुकाबले 4.99 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,588.50 रुपये पर बंद हुआ. इनपुट-भाषा