हैदराबाद: केंद्रीय माल एवं सेवाकर (जीएसटी) अधिकारियों ने 224 करोड़ रुपये की कथित कर धोखाधड़ी पकड़ी है. इसे आठ कंपनियों के एक समूह ने अंजाम दिया है जिन्होंने 1,289 करोड़ रुपये के फर्जी बिल बनाए. हैदराबाद केंद्रीय जीएसटी आयुक्त कार्यालय ने मंगलवार रात एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी कि इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है और 19.75 करोड़ रुपये बरामद कर लिए गए हैं.


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विज्ञप्ति के अनुसार मंगलवार रात को इन कंपनियों के आवासीय एवं कारोबारी परिसरों की तलाशी ली गई और कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं. ये कंपनियां लौह और इस्पात उद्योगों के कारोबार से जुड़ी है. इन कंपनियों ने टीएमटी सरिया इत्यादि उत्पादों की वास्तव में आपूर्ति किए बिना 1,289 करोड़ रुपये के फर्जी बिल तैयार किए और इस पर करीब 224 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया.



इस बीच 19 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि पिछली बैठक में जो नए फैसले लिए गए हैं, उनको किस तरह लागू किया जाए. पिछली बैठक में अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी पर GST की दर 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया. बता दें, नए नियम 1 अप्रैल 2019 से लागू होंगे.