Gulshan Kumar Success Story: टी-सीरीज के को-ऑनर कृष्ण कुमार की बेटी टिशा कुमार (Tisha Kumar Death) का 21 साल की उम्र में कैंसर से निधन हो गया है, जिनका जर्मनी में इलाज चल रहा था. टिशा के पिता कृष्ण कुमार 'बेवफा सनम' फिल्म से काफी पॉपुलर हुए थे, लेकिन कुछ फिल्मों के बाद उन्होंने एक्टिंग छोड़ दी और प्रोड्यूसर बन गए. अभी कृष्ण कुमार (Krishna Kumar) अपने भतीजे भूषण कुमार (Bhushan Kumar) के साथ मिलकर टी-सीरीज (T-Series) का संचालन कर रहे हैं. 12 अगस्त 1997 को मुंबई में गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस समय भूषण कुमार की उम्र महज 19 साल थी और तब कृष्ण कुमार ने ही टी-सीरीज को संभाला था और गुलशन कुमार की विरासत को आगे लेकर गए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गुलशन कुमार ने कैसे शुरू की टी-सीरीज कंपनी?


गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) का दिल्ली के एक पंजाबी अरोड़ा फैमिली में जन्म 5 मई 1951 को हुआ था. उनके पिता (Gulshan Kumar Father) चन्द्रभान दुआ दिल्ली के दरियागंज में एक जूस बेचते थे. गुलशन कुमार बचपन में जूस की दुकान पर अपने पिता का हाथ बंटाते थे और जूस बेचने का काम करते थे. पिता के साथ दुकान पर काम करते-करते गुलशन कुमार का बिजनेस (Gulshan Kumar Business) में इंटरेस्ट हुआ. इसके बाद 23 साल की उम्र में पिता की मदद से एक दुकान ली और रिकार्ड्स के अलावा ऑडियो कैसेट (Gulshan Kumar Audio Cassette) बेचना शुरू किया. पहले जूस और फिर ऑडियो कैसेट बेचने वाले गुलशन कुमार ने आगे चलकर म्यूजिक इंडस्ट्री की सबसे बड़ी कंपनी टी-सीरीज की शुरुआत की.



कैसे पॉपुलर हो गया गुलशन कुमार का कैसेट बिजनेस?


गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) ने ऑडियो कैसेट के बिजनेस का नाम 'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड (T-Series)' रखा. वो उस समय ओरिजिनल गानों को दूसरी आवाजों में रिकॉर्ड करके कैसेट बनाते थे और कम दामों में बेचते थे. धीरे-धीरे उनकी पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी, क्योंकि जहां अन्य कंपनियों के कैसेट 28 रुपये में बिकते थे, उस समय गुलशन कुमार ने अपने कैसेट की कीमत 15 से 18 रुपये रखी थी. यही से गुलशन कुमार की किस्मत ने पलटी मारी और उन्होंने नोएडा में टी-सीरीज कंपनी की स्थापना की. इसके बाद गुलशन कुमार म्यूजिक इंडस्ट्री में बड़ा नाम बन गए.


खुद भी भक्ति गाना गाते थे गुलशन कुमार


गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) ने अन्य गानों के साथ ही भक्ति गानों (Gulshan Kumar Bhakti Song) को भी रिकॉर्ड करना शुरू किया, जिसे लोगों ने खुब पसंद किया. इस दौरान वो खुद भी भक्ति गाने गाया करते थे. इसके बाद गुलशन कुमार के कैसेट्स की डिमांड बढ़ती गई और 70 के दशक में ही वो म्यूजिक इंडस्ट्री के सफल बिजनेसमैन में शुमार हो गए. ऑडियो कैसेट्स के बिजनेस में सफलता हासिल करने के बाद गुलशन कुमार मुंबई चले गए और फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा. कैसेट के बिजनेस के साथ ही गुलशन कुमार म्यूजिक एल्बम, बॉलीवुड फिल्में और हिंदू पौराणिक कथाओं से संबंधित फिल्मों के अलावा सीरियल्स प्रोड्यूस करने लगे.



मुंबई में चमक गई गुलशन कुमार की किस्मत


कैसेट इंडस्ट्री में बड़ा नाम बनने के बाद गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) की किस्मत मुंबई जाने के बाद और ज्यादा चमक गई. साल 1988 में गुलशन कुमार ने 10 रोमांटिक गानों की एक एलबम रिकॉर्ड की. एलबम के सारे गाने हिट हो गए और फिर गुलशन कुमार को लगा कि वह इसकी सफलता का फायदा उठा सकते हैं. इसके बाद उन्होंने उसी साल इन गानों को लेकर 'लाल दुपट्टा मलमल का' फिल्म को प्रोड्यूस किया. फिल्म में कोई बड़ा स्टार नहीं था, लेकिन इसके बावजूद फिल्म ने वीएचएस से बड़ी कमाई की. इसके बाद इसे सिनेमा हॉल में भी रिलीज किया गया और इस फिल्म ने गुलशन कुमार को फिल्म निर्माण में पूरी तरह से उतरने के लिए प्रोत्साहित किया.


इसके बाद गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) को फिल्म इंडस्ट्री में असली पहचान साल 1990 में आई फिल्म आशिकी से मिली. इस फिल्म को महेश भट्ट ने डायरेक्ट किया था और एक्टर राहुल रॉय ने अनु अग्रवाल के साथ डेब्यू किया था. यह फिल्म उस समय ब्लॉकबस्टर रही थी. इस फिल्म के गानों ने भी खूब धूम मचाई थी और आज भी इसके गानों को खूब पसंद किया जाता है. गुलशन कुमार ने साल 1995 में फिल्म 'बेवफा सनम' बनाई, जिसने उनके भाई कृष्ण कुमार को पहचान दिलाई. इस फिल्म को गुलशन कुमार ने प्रोड्यूस करने के साथ डायरेक्ट भी किया था.



सोशल वर्क में खर्च करते थे कमाई का एक हिस्सा


म्यूजिक इंडस्ट्री और फिल्म इंडस्ट्री में धूम मचाने के बाद गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) ने फिल्मों से भी खूब नाम और पैसा कमाया. इसके बाद उन्होंने सोशल वर्क करना शुरू किया. गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे और इसी वजह से उन्होंने वैष्णो देवी जाने वाले रास्ते में भक्तों के लिए भंडारे का आयोजन कराया और नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराया, जो आज भी चलता है. उनकी सफलता पर अंडरवर्ल्ड की नजर पड़ गई और अंडरवर्ल्ड उनसे पैसे की डिमांड करने लगा.


मंदिर के बाहर 16 गोलियों की गूंज


कहा जाता है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) और उसके राइट हैंड माने जाने वाले अबू सलेम (Abu Salem) ने गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) से 10 करोड़ रुपये मांगे थे. जब गुलशन कुमार ने पैसे देने से मना किया तब अबू सलेम ने शार्प शूटर्स को गुलशन कुमार की हत्‍या की सुपारी दे दी. इसके बाद 12 अगस्त 197 को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनको 16 गोलियां मारी गई थी और उनके पूरे शरीर को छलनी कर दिया गया था.


कृष्ण कुमार-भूषण कुमार ने संभाली टी-सीरीज


जब गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) की हत्या हुई, उस समय तक म्यूजिक इंडस्ट्री के साथ फिल्म इंडस्ट्री में टी-सीरीज एक बड़ा नाम बन गया था. गुलशन कुमार की हत्या के समय उनके बेटे भूषण कुमार की उम्र महज 19 साल थी, तब गुलशन कुमार के भाई ने कंपनी की जिम्मेदारी संभाली और विरासत को आगे बढ़ाया. अभी कृष्ण कुमार अपने भतीजे भूषण कुमार के साथ मिलकर टी-सीरीज का संचालन कर रहे हैं. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि टी-सीरीज का बिजनेस 24 देशों में फैला हुआ है और अब तक कंपनी न कई सुपरहिट फिल्मों को प्रोड्यूसर किया है.



गुलशन कुमार की फैमिली में कौन-कौन


गुलशन कुमार (Gulshan Kumar) के बेटे भूषण कुमार (Bhushan Kumar) सुपर कैसेट इंडस्ट्रीज लिमिटेड (T- Series) के चीफ मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. गुलशन कुमार की एक बेटी तुलसी कुमार (Tulsi Kumar) प्लेबैक सिंगर और दूसरी बेटी खुशाली कुमार (Khushali Kumar) मॉडल, एक्ट्रेस और डिजाइनर हैं. भूषण कुमार ने 13 फरवरी 2005 को मॉडल और बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या खोसला (Divya Kumar Khosla) से जम्मू-कश्मीर स्थित वैष्णो देवी मंदिर में शादी की थी. दोनों का एक बेटा रूहान भी है, जिसका जन्म 11 अक्टूबर 2011 को हुआ था.