Crude Oil Supply: इजरायल और ईरान के बीच तनाव बढ़ने से कच्‍चे तेल की आपूर्त‍ि प्रभाव‍ित होने की आशंका जताई जा रही है. दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने से प‍िछले कुछ द‍िनों में क्रूड के रेट में तेजी आई है. कुछ मीड‍िया र‍िपोर्ट में यह भी उम्‍मीद जताई गई क‍ि क्रूड की सप्‍लाई पर असर पड़ने से घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल के रेट में तेजी आ सकती है. लेक‍िन केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप स‍िंह पुरी की तरफ से मंगलवार को ऐसा बयान द‍िया गया, ज‍िससे उम्‍मीद की जा रही है क‍ि आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के रेट स्‍थ‍िर बने रहेंगे.


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क्रूड ऑयल सप्‍लाई की क‍िसी भी क‍िल्‍लत से न‍िपटने में सक्षम


पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत पश्‍च‍िम एशिया में जारी संघर्ष के संभावित विस्तार से क्रूड ऑयल सप्‍लाई को लगने वाले किसी भी झटके से निपटने में सक्षम होगा. इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमले के बाद इंटरनेशनल लेवल पर क्रूड ऑयल की कीमतें एक सप्ताह से भी कम समय में करीब 70 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 79 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गई हैं. ऐसा इजरायल की जवाबी कार्रवाई करने और उससे संघर्ष बढ़ने की आशंका के चलते हुआ है.


दुनिया में पर्याप्त से ज्‍यादा तेल की उपलब्धता
पुरी ने इस बारे में कहा, ‘घबराने की कोई बात नहीं है. दुनिया में पर्याप्त से ज्‍यादा तेल की उपलब्धता है.’ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता देश भारत कच्चे तेल की अपनी 85 प्रतिशत जरूरत को आयात से पूरा करता है. पेट्रोलियम मंत्री ने ‘एनर्जी ट्रांजिशन समिट इंडिया’ सम्मेलन में कहा, ‘हालात संभाले जा सकने लायक हैं. चिंता की कोई जरूरत नहीं है. हमें पूरा भरोसा है कि हम अतीत की तरह ही हालात से निपट पाएंगे.’


उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में तेल की आपूर्ति बहुत ज्‍यादा है और यदि कुछ पक्ष उत्पादन रोक देते हैं या सप्‍लाई से जुड़ी समस्याएं होती हैं तो भी बाजार में नए आपूर्तिकर्ता हैं जो इस कमी को पूरा करेंगे. ईरान के मिसाइल हमले के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि इजरायल तेल उत्पादक ईरान के तेल या परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है. ऐसा होने पर ईरान इजरायल पर सीधा हमला या होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करके जवाब देने का रास्ता अपना सकता है. ओमान और ईरान के बीच स्थित होर्मुज जलडमरूमध्य तेल परिवहन के लिहाज से काफी अहम माना जाता है.


वैश्‍व‍िक तेल का पांचवां हिस्सा इस जलडमरूमध्य से होकर ही गुजरता है. सभी प्रमुख तेल उत्पादक देशों-सऊदी अरब, इराक, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से कच्चा तेल होर्मुज जलडमरूमध्य के जरिये ही निर्यात किया जाता है. इनमें से सिर्फ सऊदी अरब और यूएई के पास ही ऐसी तेल पाइपलाइन हैं जो होर्मुज जलडमरूमध्य को पार कर सकती हैं. (इनपुट भाषा से भी)