HDFC Bank: प्राइवेट सेक्टर के सबसे बड़े बैंक HDFC Bank ने  2025 तक 60,000 रुपये सालाना से कम आय वाले पांच लाख सीमांत किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य तय किया है. HDFC बैंक यह काम अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल ‘परिवर्तन’ के तहत करेगा.


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HDFC बैंक के उप प्रबंध निदेशक कैजाद एम भरूचा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि ग्रामीण विकास पर बैंक का ध्यान सतत विकास को बढ़ावा देने और कमजोर समुदायों के उत्थान के लिए हमारी निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाता है.उन्होंने कहा कि 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से ‘परिवर्तन’ भारत के सबसे बड़े सीएसआर कार्यक्रमों में से एक बन गया है. यह पहल 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय है. 


2014 में लॉन्च किया था CSR प्लान


एचडीएफसी बैंक ‘परिवर्तन’ की शुरुआत 2014 में देशभर के समुदायों के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए की गई थी. पिछले दस साल में 5,100 करोड़ रुपये से अधिक के सीएसआर व्यय के साथ परिवर्तन ने लगातार स्थायी आजीविका के साधन देने और सतत विकास को बढ़ावा देकर व्यक्तियों को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है. 


एम भरूचा ने यह भी कहा है कि बैंक अपनी सीएसआर पहल के तहत लगभग दो लाख व्यक्तियों को कौशल प्रशिक्षण देने की योजना बना रहा है. इसके अलावा सिंचाई के साधनों को बढ़ाने, कृषि उत्पादकता में सुधार और मेधावी वंचित छात्रों को छात्रवृत्ति देने की पहल शुरू करने की भी योजना है.


CSR यानी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के तहत कंपनियां अपने व्यावसायिक संचालन में सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं को शामिल करती हैं. दूसरे शब्दों में यह भी कहा जाता है कि CSR कंपनियों को समाज के प्रति उत्तरदायी बनाती है.