HDFC Life Data Leak: अगर आप भी एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance) कंपनी के कस्‍टमर हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, इंश्‍योरेंस कंपनी की तरफ से डेटा लीक होने की जानकारी दी गई है. कंपनी की तरफ से हाल ही में एक नियामक फाइलिंग में इस लीक से जुड़ी जानकारी शेयर की गई. साथ ही कंपनी ने बताया क‍ि स‍िक्‍योर‍िटी एक्‍सपर्ट के साथ मिलकर इस मामले की जांच की जा रही है ताकि कस्‍टमर को क‍िसी प्रकार का नुकसान न हो. इंश्‍योरेंस कंपनी ने कहा क‍ि 'हमें एक अज्ञात सोर्स से जानकारी म‍िली है, जिसने दुर्भावनापूर्ण इरादे से हमारे कुछ कस्‍टमर के डेटा फील्‍ड शेयर क‍िये हैं.'


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ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके ल‍िए जरूरी उपाय कर रहे


एचडीएफसी लाइफ (HDFC Life) की तरफ से जारी बयान में कहा गया क‍ि उसने समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए 'सूचना सुरक्षा मूल्यांकन और डाटा लॉग एनाल‍िस्‍ट' शुरू किया है. कंपनी ने कहा, 'हम अपने ग्राहकों की चिंता को हैंडल करने और उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह सावधानी बरतेंगे.' साथ ही इंश्‍योरेंस कंपनी ने ग्राहकों को यह भी आश्‍वासन दिया क‍ि उनके हितों की सर्वोच्च प्राथमिकता है. कंपनी ने कहा, 'हम इस तरह की घटनाओं को दोबारा नहीं होने देने के ल‍िए सभी जरूरी उपाय करने के लिए तैयार हैं.'


प्रभावित इंश्‍योरेंस कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में
इंश्‍योरेंस रेग्‍युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉर‍िटी (IRDAI) मामले पर नजर रख रही है. प‍िछले द‍िनों IRDAI की तरफ से एक बयान जारी कर कहा गया था, 'हम डेटा लीक को बहुत गंभीरता से लेते हैं और यह सुन‍िश्‍च‍ित करेंगे क‍ि पॉलिसीहोल्‍डर के हितों की पूरी तरह से रक्षा की जाए.' विशिष्‍ट कंपनियों का नाम लिए ब‍िना रेग्‍युलेटर ने जोर देकर कहा था क‍ि वह 'प्रभावित इंश्‍योरेंस कंपनियों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि लीक की पूरी सीमा और र‍िस्‍क कम करने के लि‍ए उठाए जा रहे कदमों को समझ सके.'


बाद में 150000 डॉलर की मांग की
20 सितंबर को हजारों स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कस्‍टमर का पर्सनल डेटा, जिसमें उनकी चिकित्सा स्थितियों के बारे में संवेदनशील जानकारी भी शामिल थी, ऑनलाइन लीक हो गया. यह लीक एक हैकर से जुड़ा था जिसे जेनजेन नाम से जाना जाता है, इसने कथित तौर पर जानकारी हासिल की और इसके बिक्री के बारे में दावे क‍िये. हैकर की तरफ से दावा क‍िया गया क‍ि स्टार हेल्थ इंश्योरेंस के मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) ने शुरुआत में डेटा 28,000 डॉलर में बेचा. लेकिन बाद में 150,000 डॉलर की मांग की.


जेनजेन के अनुसार, CISO ने बढ़ी हुई मांग को इस आधार पर सही ठहराया कि आमदनी को वरिष्ठ प्रबंधन के साथ साझा किया जाना था. सौदा फेल होने पर हैकर ने कथित तौर पर सभी डेटा ऑनलाइन जारी कर दिया. हालांकि, इंश्‍योरेंस कंपनी ने डेटा लीक मामले में अपने स‍िक्‍यर‍िटी चीफ को दोषमुक्त कर दिया. एलाइड इंश्योरेंस ने भी डेटा लीक की बात स्वीकारी और पुष्टि की कि उसने स्टॉक एक्सचेंजों, सरकार और IRDAI को अपनी मानक संचालन प्रक्रियाओं के अनुसार सूचित किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस को भी इसी तरह की साइबर स‍िक्‍योर‍िटी इश्‍यू का सामना करना पड़ा था.