Former SEBI chairman U.K. Sinha: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में सेबी चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि अडानी ग्रुप द्वारा इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंडों में उनका भी निवेश था.


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इसी बीच विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर SEBI के पूर्व चीफ उपेन्द्र कुमार सिन्हा का नाम भी अडानी ग्रुप से जोड़ कर देखा जा रहा है. आइए जानते हैं कि कौन है सेबी के पूर्व चीफ उपेन्द्र कुमार सिन्हा और उनका अडानी ग्रुप से क्या संबंध है. 


कौन हैं उपेन्द्र कुमार सिन्हा?


यू.के. सिन्हा साल 2011 से 2017 के बीच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी के चीफ थे. सेबी के महत्वपूर्ण रेगुलेटरी नियमों जैसे- टेकओवर कोड, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक और वैकल्पिक निवेश कोष जैसे संसोधन लाने का श्रेय यू.के. सिन्हा को जाता है.


सेबी चीफ बनने से पहले यू.के. सिन्हा यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड में अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे. यहां उनका कार्यकाल लगभग 6 साल का था. सेबी के अध्यक्ष के रूप में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है. उपेन्द्र कुमार सिन्हा के पास ब्यूरोक्रेट का भी अनुभव है. वह वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे. 


अडानी ग्रुप से कैसा संबंध?


मार्च 2023 में अडानी ग्रुप की कंपनी NDTV ने उपेन्द्र कुमार सिन्हा को अगले दो साल के लिए स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, यू.के. सिन्हा को एनडीटीवी के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी नामित किया गया है. 


अगस्त 2022 में अडानी ग्रुप ने वीसीपीएल के अधिग्रहण के माध्यम से एनडीटीवी में अप्रत्यक्ष रूप से 29.18% हिस्सेदारी के अधिग्रहण की घोषणा की थी. अडानी ने वीसीपीएल में 100 फीसदी हिस्सा लगभग 114 करोड़ रुपये में खरीदा था. वीपीसीएल के पास एनडीटीवी की एक प्रमोटर ग्रुप कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड के 29.18 फीसदी इक्विटी शेयर गिरवी थे.