Anil Ambani Reliance Capital: कर्ज में डूबे अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) को खरीदने में हिंदुजा ग्रुप (Hinduja Group) का दम फूल रहा है. सबसे ऊंची बोली लगाकार रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण हासिल करने वाली हिंदुजा समूह की कंपनी  इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड (आईआईएचएल) की हालत खराब हो रही है. कंपनी की मुश्किल का अंदाजा इस बात से लगाया दा सकता है कि 27 मई की डेडलाइन खत्म होने के बावजूद वो अब तक अधिग्रहण की शर्तों को पूरा नहीं कर पाई है. कंपनी की ओर से कई बार डेडलाइन बढ़ाने की डिमांड की जा चुकी है. अब कंपनी कर्ज लेकर अनिल अंबानी की दिवालिया कंपनी खरीदने का प्लान बना रही है. 


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बैंकों से नहीं मिला लोन  


रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए हिंदुजा समूह ने 9650 करोड़ की सबसे ऊंची बोली लगाई, लेकिन इसे खरीदने के लिए उसे 7300 करोड़ की जरूरत है, जिसके लिए उसे लोन की जरूरत है. लंबे वक्त से कोशिशों के बावजूद भी बैंकों ने उसे कर्ज देने से मना कर दिया है. ऐसें में अब हिंदुजा ग्रुप ने अब नया प्लान बनाया है. कंपनी कर्ज लेकर अनिल अंबानी की कर्ज में डूबी कंपनी खरीदेगी. रिलायंस कैपिटल खरीदने के लिए हिंदुजा समूह की कंपनी IIHL कई बैंकों से संपर्क में थी, लेकिन उसे किसी भी बैंक ने सस्ता लोन देने से इनकार कर दिया. बैंक को 15-16% की दर से लोन मिल सकता था, लेकिन कंपनी 8 से 9 फीसदी के लोन की तलाश में है. यही वजह थी कि कंपनी ने जापानी बैंकों से भी संपर्क किया. हिंदूजा ग्रुप की तीन जापानी बैंकों मिजुहो, SMBC और MUFG के साथ बातचीत चली, लेकिन बात कही न बनीं.  


क्या है कंपनी का प्लान 


ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुजा समूह दो रूपी बॉन्ड ऑफरिंग के जरिए 7300 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है. कंपनी इस रकम में से कुछ का इस्तेमाल अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए करेगी. कंपनी ने इसके लिए Barclays Plc और 360 ONE को जिम्मेदारी सौंपी है. रिपोर्ट के मुताबिक इसके लिए सिंडिकेशन प्रोसेस शुरू कर दी है और उम्मीद की जा रही है कि एक महीने में ये डील पूरी हो जाएगी.  


एनसीएलटी ने खारिज की याचिका  


बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण ने रिलायंस कैपिटल की बोली हासिल करने वाली कंपनी हिंदुजा समूह की कंपनी आईआईएचएल की रेजोल्यूशन प्रोसेस पूरा करने की डेडलाइन बढ़ाने वाली याचिका को 25 जनू तक के लिए स्थगित कर दिया है. बैंकों से लोन हासिल करने में असफल रही कंपनी ने समाधान प्रक्रिया पूरा करने की समयसीमा को बढ़ाने के लिए अनुरोध किया है.  बता दें कि जिस कंपनी को हिंदुजा समूह खरीद रही है, वो भारी भरकम कर्ज में डूबी है.  रिलायंस कैपिटल पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है.