Reliance Share Price: 19 अप्रैल 1957 को जन्मे मुकेश धीरूभाई अंबानी आज एक भारतीय अरबपति के रूप में जाने जाते हैं. परिवार में सबसे बड़े बेटे होने के नाते मुकेश अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. अंबानी परिवार के जरिए आयोजित हर कार्यक्रम और अवसर कभी भी सामान्य नहीं होता है. अंबानी परिवार के फंक्शन, शाही शादियों, लक्जरी कारों से लेकर, 4.6 बिलियन डॉलर के 27 मंजिला गगनचुंबी घर से लेकर सबकुछ काफी आलीशान है. वहीं मुकेश अंबानी 29 अगस्त 2023 को फॉर्ब्स की लिस्‍ट के मुताबिक 94.7 बिलियन डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के 13वें सबसे अमीर शख्स हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर मुकेश अंबानी इतने अमीर कैसे बने?


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जल्दी शुरुआत
मुकेश अंबानी का एशिया का सबसे अमीर व्यक्ति बनने का सफर 1981 में शुरू हुआ, जब उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) में अपने पिता की मदद करना शुरू किया. चूंकि आरआईएल पहले से ही दूरसंचार, खुदरा, पेट्रोकेमिकल और शोधन सेवाओं में थी, इसलिए इन क्षेत्रों ने मुकेश की व्यक्तिगत संपत्ति में तेजी से वृद्धि करना शुरू कर दिया. उनके नेतृत्व में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने धीरे-धीरे लेकिन लगातार नई ऊंचाइयां हासिल कीं. 2007 तक, यह बाजार पूंजीकरण के मामले में 100 बिलियन डॉलर का आंकड़ा पार करने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई.


कारोबार का विस्तार
समय के साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अन्य क्षेत्रों में भी कदम रखा. जैसे एसईजेड डेवलपमेंट, कपड़ा, मनोरंजन (रिलायंस इरोज), सौर ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स और खुदरा व्यापार. मुकेश अंबानी के जरिए उठाया गया सबसे उल्लेखनीय कदम तब था जब उन्होंने टेलीकॉम उद्योग में प्रवेश किया और Jio लॉन्च किया. इस नये उद्यम के कारण पूरे उद्योग जगत को उन्होंने हिलाकर रख दिया. लॉन्च के साथ मुकेश ने टेलीकॉम कारोबार में मौजूदा खिलाड़ियों को भारी घाटे की ओर धकेल दिया और वे एक-दूसरे के साथ विलय करने के लिए मजबूर हो गए.


आगे की सोच
मुकेश अंबानी की खासियत ये रही है कि वो आगे की सोच रखते हैं. उनका विजन हमेशा फ्यूचर के हिसाब से रहता है. ऐसे में जो लोग बाद में सोचते हैं वो मुकेश अंबानी पहले ही कर चुके होते हैं. मुकेश अंबानी की आगे की सोच ही उन्हें दूसरे से अलग बनाती है और इसलिए वो आज काफी अमीर है.


भारत के ग्राहकों की समझ
किसी भी कारोबार को चलाने के लिए ग्राहकों की काफी आवश्यकता रहती है. बिना ग्राहक कारोबार ज्यादा नहीं चल पाता है. वहीं मुकेश अंबानी को भारत के ग्राहकों की समझ है. उन्हें पता है कि आखिर भारत के ग्राहकों को क्या चाहिए और कैसे भारतीय ग्राहकों को आकर्षित किया जा सकता है. इसके बल पर उन्होंने एक मजबूत ग्राहक आधार बना रखा है