Economic Growth: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताते हुए कहा है कि सेवा क्षेत्र के बढ़िया प्रदर्शन से इसे मजबूती मिलने की उम्मीद है. इक्रा रेटिंग्स ने जनवरी-मार्च 2023 की अवधि के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान जारी किया है. इसके पहले अक्टूबर-दिसंबर 2022 की तिमाही में वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी.


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31 मई को जारी होंगे आंकड़े
राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (NSO) मार्च तिमाही के साथ समूचे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी आंकड़े 31 मई को जारी करेगा. इक्रा ने कहा कि मार्च तिमाही में सेवा क्षेत्र का सकल मूल्य-वर्द्धन (जीवीए) मामूली बढ़त के साथ करीब 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि दिसंबर तिमाही में यह 6.2 प्रतिशत रहा था. चौथी तिमाही में सेवा क्षेत्र के 14 में से नौ संकेतकों में बढ़त होने की संभावना है.


रेटिंग एजेंसी के के अर्थशास्त्री ने दी जानकारी
रेटिंग एजेंसी की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 की अंतिम तिमाही में भी आर्थिक गतिविधि असमान बनी रही. वाणिज्य उत्पादों में आई गिरावट के बीच सेवाओं का निर्यात अच्छा और सेवाओं की घरेलू मांग भी बढ़िया रही है. इक्रा रेटिंग्स ने कहा कि रकबा बढ़ने, बुवाई की जल्द शुरुआत और उर्वरकों की उपलब्धता सुधरने से रबी फसलों की पैदावार भी अच्छी रही है. हालांकि, बेमौसम बारिश ने कुछ फसलों के उत्पादन पर नकारात्मक असर डाला है.


IMF ने भी जारी किया था आंकड़ा
इसके अलावा हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान में 20 आधार अंक कमी कर दी थी. IMF ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 5.9 प्रतिशत रह सकती है. उसने पिछले वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर 6.8 रहने का अनुमान जताया था. IMF का अनुमान भारत की वृद्धि के बारे में तमाम वैश्विक संस्थाओं के अनुमान में सबसे कम है. वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विश्व बैंक ने 6.3 प्रतिशत और एशियन डेवलपमेंट बैंक (ADB) ने 6.4 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया है.