IDBI Privatisation: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के चेयरमैन एमआर कुमार ने कहा कि एलआईसी को अपनी सहायक इकाई आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार की तरफ से कोई समयसीमा नहीं दी गई है. आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की 49.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सा सरकार और निवेशकों के पास है.


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आईडीबीआई में हिस्सेदारी बेचने की समयसीमा तय नहीं
एलआईसी (LIC) ने इस बैंक के गहरे वित्तीय संकट में रहते समय उसमें हिस्सेदारी ली थी. कुमार ने एलआईसी (LIC) के तिमाही नतीजों की घोषणा के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि बीमा कंपनी के पास आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए अभी कोई समयसीमा नहीं तय की गई है. उन्होंने कहा कि विनिवेश विभाग इस पर काम कर रहा है लेकिन अभी तक कोई अभिरुचि पत्र नहीं मंगाया गया है.


पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है सरकार
उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से कोई औपचारिक प्रस्ताव भी एलआईसी के पास नहीं आया है. बीमा कंपनी ने अपना आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) लाने के पहले कहा था कि वह बैंक बीमा माध्यम का लाभ लेने के लिए आईडीबीआई बैंक में अपनी कुछ हिस्सेदारी बनाए रखेगा. सरकार अब आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) से बाहर निकलना चाहती है और इसके लिए वह इस बैंक का पूरी तरह निजीकरण करना चाहती है.


इससे पहले खबर आई थी क‍ि सरकार की तरफ से निजीकरण के लिए सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक को भी चुना गया था. यानी भव‍िष्‍य में इंडियन ओवरसीज बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का प्राइवेटाइजेशन हो सकता है.


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