Digital Loan App fraud: ऑनलाइन पेमेंट के बढ़ते चलन के बीच डिजिटल लोन (Digital Loan) देने वाले ऐप्स की संख्या भी काफी तेजी से बढ़ गई है.  बीते कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब लोगों ने ऑनलाइन ऐप से लोन लिया और फिर उन्‍हें पछताना पड़ा. इन डिजिटल ऐप के माध्यम से लोन देने वाली अवैध कंपनियों ने लोगों को परेशान कर दिया है. ये कंपनियां लोन देकर लोगों को कर्ज में फंसा रही है. पिछले दो साल से ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जब लोन की वजह से लोगों ने आत्महत्या जैसे कदम उठाने की कोशिश की. अब सरकार इस समस्‍या को लेकर कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है. 
 
आरबीआई या सरकार से मंजूरी!


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आपको बता दें कि प्‍ले स्‍टोर पर कई ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप्स हैं. इनमें से ज्‍यादातर ऐप के पास आरबीआई की मंजूरी तक नहीं है और बिना किसी रजिस्ट्रेशन के ये अपना कारोबार सालों से कर रहे हैं. ये कंपनियां लोन देने के बाद ग्राहकों से अवैध वसूली कर रही है. जिस वजह से कई लोग परेशान हो चुके हैं. ऐसे में इन कंपनियों के उत्पीड़न के कारण देश में आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं. 


वित्त मंत्रालय लेगा अब एक्‍शन 


हाल ही में वित्त मंत्री की अध्यक्षता में एक बैठक हुई है. इसमें फैसला किया गया है कि आरबीआई सभी लीगल ऐप की लिस्‍ट तैयार करेगी. इसके अलावा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEIT) को भी यह काम दिया गया है कि वह लीगल ऐप ही प्‍ले स्‍टोर पर रखें. इसके अलावा आरबीआई ऐसे खातों की निगरानी भी करने वाला है, जिनका उपयोग धन शोधन के लिए किया जा सकता है. 


वित्त मंत्रालय ने कसा शिकंजा 


वित्त मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान दिया है जिसमें बताया गया है कि आरबीआई पेमेंट ‘एग्रीगेटर्स’ का रजिस्ट्रेशन समय सीमा में पूरा करें, उसके बाद किसी भी अपंजीकृत ऐप्‍स को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 


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