नई दिल्ली : आरबीआई द्वारा दरों में कटौती के समय से अचंभित केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर सी रंगराजन ने आज कहा कि आम बजट ब्याज दरों में कटौती के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त नहीं था और उन्हें उम्मीद थी कि आरबीआई अगले महीने तक इंतजार करेगा। पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के दौरान प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष रह चुके रंगराजन ने कहा कि मुख्य दर में कटौती की जरूरत थी लेकिन वे इसके समय से अचंभित हैं।


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

रंगराजन ने कहा ‘मैं मुख्य दर में कटौती के संबंध में आरबीआई से असहमत नहीं हूं। लेकिन मुझे दर में कटौती के समय से आश्चर्य हो रहा है। मुझे उम्मीद थी की आरबीआई अप्रैल की बैठक में दर में कटौती करेगी।’


राजन ने कहा ‘राजकोषीय पुनर्गठन कार्यक्रम, हालांकि देरी से आया है लेकिन यह गुणवत्ता के जरिए भरपाई कर सकता है, विशेष तौर पर तब जबकि राज्य सरकारें सहयोग करें।’ राजन ने कहा ‘क्षमता में कम उपयोग और उत्पाद एवं रिण उठान के अभी भी कमजोर संकेतकों के मद्देनजर आरबीआई के लिए अपनी नीतिगत पहल करना उचित है ताकि मौद्रिक समायोजन के लिए उपलब्ध गुंजाइश का उपयोग किया जा सके।’ आरबीआई ने कहा कि वृद्धि में तेजी का संकेत हैं और जनवरी में दर्ज 5.1 प्रतिशत खुदरा मुद्रास्फीति लक्ष्य से बहुत कम है।


आरबीआई की पहल पर वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा ‘दरों में कटौती से अल्पकालिक स्तर पर प्रोत्साहन मिलेगा। आने वाले दिनों में दर चक्र आंकड़ों पर आधारित होगा।’ सिन्हा ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में वृहत् आर्थिक आंकड़ा दरों में कटौती की और गुंजाइश पेश करेगा। उन्होंने कहा ‘हमें कर्ज की मासिक किस्तें कम होती दिखेंगी।’ मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा कि सरकार और आरबीआई का आर्थिक संभावना का आकलन एक जैसा है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में वृद्धि बढ़ेगी, मुद्रास्फीति में गिरावट का रुझान है और सरकार का राजकोषीय पुनर्गठन लक्ष्य के मुताबिक चल रहा है।