नई दिल्लीः डिजिटल बैंकिंग (Digitla Banking) के दौर में भी चेक (Cheque) का अभी भी एक महत्वपूर्ण स्थान है. आज भी कारोबार या फिर बैंक अथवा नौकरी के समय कैंसिल चेक की मांग की जाती है. कैंसिल चेक देने से पहले कई तरह की सावधानियां रखने की जरूरत है. हालांकि कैंसिल चेक का कुछ होता नहीं है, लेकिन इस तरह के चेक में भी आपके नाम की कई तरह की जानकारियां छुपी होती हैं.


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इसलिए पड़ती है जरूरत
कैंसिल चेक को एक सत्यापन दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है. अगर आप किसी को कैंसिल चेक दे रहे हैं, तो उससे आपके बैंक खाते (Bank Account), आपके नाम आदि की पुष्टि होती है. कुल मिलाकर कैंसिल चेक से पांच पुख्ता जानकारी मिलती हैं.


ऐसा होता है कैंसिल चेक
एक नॉर्मल चेक पर आड़ी तिरछी दो लाइनें खींचकर और बीच में Cancelled लिख देने से वो एक कैंसिल चेक बन जाता है. अब ये चेक किसी काम का नहीं रहा और इसका इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए नहीं किया जा सकता. ध्यान रखने वाली बात ये है कि कैंसिल शब्द अंग्रेजी में लिखने से पहले देख लें कि ये किसी भी तरह से आपके बैंक खाते से संबंधित डिटेल्स को पर न आए.


ये होती हैं चेक पर डिटेल्स
आपका नाम
जिस बैंक में आपका खाता है, उसका नाम
खाता संख्या
बैंक का आईएफएससी  कोड (IFCI Code)
आपके हस्ताक्षर


कैंसिल चेक देते समय सावधानी
कैंसिल चेक बेकार है, ये सोचकर किसी को भी नहीं दे देना चाहिए. कैंसिल चेक पर आपके बैंक खाते से जुड़ी अहम जानकारी होती है. इसका इस्तेमाल गलत तरीके से आपके खाते से पैसे निकालने के लिए हो सकता है. अगर हो सके तो बिना साइन किया कैंसिल चेक ही दें. हस्ताक्षर किया गया कैंसिल चेक सिर्फ उन्हीं कंपनियों और संस्थानों को दीजिए, जिन पर आप पूरा भरोसा करते हैं.


कहां देना पड़ता है कैंसिल चेक
1. डीमैट खाता खुलवाने के लिए
2. बैंक में केवाईसी (KYC) कराने के लिए
3. बीमा खरीदने के लिए
4. ईएमआई भरने के लिए
5. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश के लिए 
6. बैंक से लोन पाने के लिए
7. ईपीएफ का पैसा निकालने के लिए


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