नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने 1 फरवरी को अगले वित्त वर्ष 2021-22 का बजट संसद में पेश किया था. बजट में नौकरीपेशा लोगों को मायूसी हाथ लगी, क्योंकि वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किया. इसके साथ ही उन्होंने टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाने की कोशिश की और इनकम टैक्स रिटर्न के लिए कुछ प्रोविजन्स जोड़े.


टैक्सपेयर्स को देना पड़ सकता है दोगुना टैक्स


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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट के दौरान एक प्रोविजन इनकम टैक्स के सेक्शन 206AB में जोड़ा, जिसके अब टैक्सपेयर्स को दोगुना टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स) चुकाना पड़ सकता है.


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कब चुकाना होगा दोगुना टीडीएस


अगर वेंडर्स ने लगातार 2 सालों तक अपना आईटीआर फाइल (ITR File) नहीं किया, जिसकी ड्यू डेट निकल चुकी है. इसके साथ ही उन्हें दो वर्षों में प्रत्येक साल कम से कम 50 हजार रुपये का TDS या TCS देना था. ऐसी स्थिति में उन्हें दोगुना टैक्स चुकाना पड़ सकता है.


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किन पर लागू होगा नया प्रावधान


सेक्शन 206AB/सेक्शन 206CCA के नए प्रावधान कुछ मामलों को छोड़कर सभी सभी गैर-वेतन भुगतान पर लागू होंगे. ये नए प्रावधान लॉटरी, घुड़दौड़, सिक्योरिटीजेशन ट्रस्ट में निवेश से आय या बैंक से कैश विदड्रॉल पर TDS को लेकर लागू नहीं होंगे. नए प्रावधानों के तहत सभी कॉन्ट्रैक्टर्स, फ्रीलांसर्स, प्रोफेशनल्स, ब्रोकर्स, एजेंट्स इत्यादि को पुराना आईटीआर फाइल प्रूफ दिखाना होगा, तभी उनकी सामान्य दरों पर TDS कटौती होगी. अगर वे कोई प्रूफ नहीं देते हैं तो उन्हें सामान्य टीडीएस रेट से लगभग दोगुने तक की दर (न्यूनतम 5 फीसदी) से टीडीएस देना होगा.


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