China Economic Slowdown News: एचएसबीसी की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत जल्द ही वैश्विक तेल और गैस उत्पादों के लिए एक प्रमुख गंतव्य बनने की ओर बढ़ रहा है. इसके पीछे मुख्य वजह है देश की बढ़ती रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल, एलएनजी पुनर्गैसीकरण और पाइपलाइन क्षमता. दूसरी तरफ, चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती ने भारत को इस दौड़ में बढ़त दिलाई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

तेल की कीमतें भारत के पक्ष में


रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट की संभावना बनी हुई है. यह भारत के लिए फायदेमंद है, क्योंकि देश अपनी कच्चे तेल की जरूरतों का 80% से अधिक आयात करता है. तेल की कीमतों में गिरावट से भारत का आयात बिल कम होगा, जिससे आर्थिक बचत होगी.


रिफाइनिंग और उत्पादन में बड़ा इजाफा


एचएसबीसी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत की एलएनजी पुनर्गैसीकरण क्षमता में 25% तक की वृद्धि देखी जाएगी. वहीं, रिफाइनिंग क्षमता में 9% का इजाफा होगा, जिससे प्रतिदिन 0.5 मिलियन बैरल की क्षमता जुड़ जाएगी. यह सुधार भारत को तेल और गैस के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएगा.


एनर्जी ट्रांजिशन पर भारत की नजर


भारत अब अपनी तेल और गैस कंपनियों के जरिए एनर्जी ट्रांजिशन की ओर बढ़ रहा है. पेट्रोकेमिकल्स और रिफाइनरी ट्रांसफॉर्मेशन परियोजनाओं की शुरुआत से भारत ऊर्जा के नए स्रोतों को अपनाने की दिशा में अग्रसर है.


डीजल की मांग में कमी


भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में कमी देखी जा रही है, खासकर डीजल की खपत में. रिपोर्ट के मुताबिक, आने वाले समय में डीजल की मांग और घटने की संभावना है. इसके बावजूद भारत की ऊर्जा नीतियां उसे आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही हैं.


चीनी अर्थव्यवस्था की सुस्ती से फायदा


चीन में आर्थिक मंदी और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बढ़ती लोकप्रियता के कारण वहां परिवहन ईंधन की मांग धीमी हो रही है. इस स्थिति का सीधा फायदा भारत को मिलेगा, क्योंकि यह देश अब वैश्विक स्तर पर तेल और गैस उद्योग का प्रमुख खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ रहा है.


कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल


एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल जैसी कंपनियों को कमजोर तेल कीमतों का फायदा होगा. रिपोर्ट में इन्हें 'खरीदने' की रेटिंग दी गई है. वहीं, ओएनजीसी को उत्पादन में गिरावट के जोखिम के चलते 'कम करें' की सलाह दी गई है.


गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना


हालांकि तेल की कीमतों में गिरावट का दबाव रहेगा, लेकिन निकट भविष्य में गैस की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, एलएनजी बाजार 2027 तक तंग रहेगा, और तब तक भारत अपनी वैश्विक स्थिति को और मजबूत करेगा.


भारत के लिए सुनहरा अवसर


चीन की आर्थिक सुस्ती ने भारत के लिए वैश्विक तेल और गैस बाजार में नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं. रिफाइनिंग क्षमता में बढ़ोतरी, एलएनजी अवशोषण क्षमता, और एनर्जी ट्रांजिशन परियोजनाओं के जरिए भारत इस मौके का भरपूर फायदा उठाने के लिए तैयार है.


(एजेंसी इनपुट के साथ)