GDP Forecast: जीडीपी 8 प्रतिशत या इससे भी ज्यादा दर से आगे बढ़ेगी, RBI ने जताया अनुमान
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम की तरफ से लिखे गए आर्टिकल में कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी गति खो रही है, कुछ सबसे मजूबत अर्थव्यवस्थाओं और उच्च आवृत्ति संकेतकों में वृद्धि धीमी हो रही है.
RBI: भारत जीडीपी (GDP) की 8 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर को कायम रख सकता है या यह इससे भी आगे जा सकती है. आरबीआई (RBI) की तरफ से जारी ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ पर मार्च के बुलेटिन में कहा गया है कि देश का अनुकूल वृद्धि आर्थिक माहौल वृद्धि दर को आगे बढ़ाने का आधार बन सकता है. देश की आर्थिक वृद्धि दर 2021-24 की अवधि में औसतन 8 प्रतिशत से अधिक रही है.
जीडीपी वृद्धि छह तिमाहियों के हाई लेवल पर
आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम की तरफ से लिखे गए आर्टिकल में कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी गति खो रही है, कुछ सबसे मजूबत अर्थव्यवस्थाओं और उच्च आवृत्ति संकेतकों में वृद्धि धीमी हो रही है. यह आने वाले समय में चीजों के और सुस्त पड़ने का इशारा कर रहे हैं. भारत की 2023-24 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि छह तिमाहियों के हाई लेवल पर थी. मजबूत रफ्तार, बेहतर अप्रत्यक्ष कर संग्रह और सब्सिडी में कमी की वजह से यह वृद्धि हासिल हो सकी है.
लेख में कहा गया कि संरचनात्मक मांग और कंपनियों और बैंकों का मजबूत बही-खाता आगे चलकर वृद्धि को और गति देने में भूमिका निभाएंगे. इसमें कहा गया, 'दुनिया ढांचे और धारणा में बड़े बदलावों का सामना कर रही है. ये या तो चल रहे हैं या आने वाले हैं. लेख में कहा गया है कि माहौल में अनिश्चितता फैली हुई है, जो भू-राजनीतिक और मौसम से संबंधित जोखिमों की वजह से और बढ़ गई है. इसमें कहा गया है कि इसके विपरीत भारतीय अर्थव्यवस्था एक अनुकूल वृहद आर्थिक माहौल का अनुभव कर रही है जो इसके वृद्धि पथ में तेजी लाने के लिए आधार हो सकता है.
लेख के लेखकों ने कहा, 'वृद्धि दर 2021-24 की अवधि में औसतन आठ प्रतिशत से ऊपर रही है. ...और अंतर्निहित बुनियादी बातों से संकेत मिलता है कि इसे कायम रखा जा सकता है और इसे और ऊपर ले जाया जा सकता है.' (इनपुट भाषा से भी)