Forex Reserves: सात हफ्तों से लगातार गदगद हो रहे थे 140 करोड़ भारतीय, आठवें हफ्ते लगा झटका; जानिए क्यों?
RBI: देश के फॉरेक्स रिजर्व में यह गिरावट ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद देखी जा रही है. इससे पिछले हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 12.58 अरब डॉलर चढ़कर 704.88 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.
India Forex Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 3.71 अरब डॉलर घटकर 701.18 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से दी गई जानकारी में बताया गया कि फॉरेक्स रिजर्व (Forex Reserves) में पिछले आठ महीने में पहली बार गिरावट आई है. इससे पहले हफ्ते देश का विदेशी मुद्रा भंडार 12.58 अरब डॉलर चढ़कर 704.88 अरब डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, 4 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा मानी जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां 3.51 अरब डॉलर घटकर 612.64 अरब डॉलर रह गईं.
गोल्ड रिजर्व का साइज चार करोड़ डॉलर घटा
डॉलर के बारे में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है. समीक्षाधीन हफ्ते में गोल्ड रिजर्व का साइज चार करोड़ डॉलर घटकर 65.75 अरब डॉलर रह गया. विशेष आहरण अधिकार (SDR) 12.3 करोड़ डॉलर घटकर 18.42 अरब डॉलर रह गया. रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास देश का रिजर्व स्टॉक 3.5 करोड़ डॉलर घटकर 4.35 अरब डॉलर रहा. आपको बता दें पिछले साल हफ्ते में फॉरेक्स रिजर्व में करीब 35 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था.
विदेशी मुद्रा भंडार घटने का कारण?
विदेशी मुद्रा भंडार घटने के कई कारण होते हैं. पहला और अहम कारण आरबीआई का हस्तक्षेप है, जब रुपये की कीमत तेजी से बढ़ती है तो आरबीआई रुपये को खरीदने के लिए विदेशी मुद्रा बेच सकता है. इससे विदेशी मुद्रा भंडार घटता है. यदि दूसरे देशों में शेयर बाजार या अन्य संपत्तियों की कीमतें गिरती हैं तो भारत के पास जमा विदेशी मुद्रा का मूल्य भी कम होता है. तीसरा कारण यदि देश का निर्यात आयात से कम होता है, तो विदेशी मुद्रा देश से बाहर जाती है और भंडार घटता है. इसके अलावा यदि विदेशी निवेशक भारत से अपना पैसा निकालते हैं तब भी विदेशी मुद्रा भंडार कम हो जाता है. यदि सरकार को विदेशी मुद्रा में कर्ज लेना पड़ता है तो भी भंडार कम हो सकता है.
देश का गोल्ड रिजर्व
आरबीआई की तरफ से जारी सितंबर तक के आंकड़े में देश के गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी देखी गई. आंकड़ों के अनुसार गोल्ड रिजर्व में 2.18 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ यह 65.79 अरब डॉलर पर पहुंच गया. आपको बता दें बैंक में जमा सोना गोल्ड रिजर्व कहा जाता है. इसे भारतीय मुद्रा को सपोर्ट करने के लिए जमा किया जाता है. गोल्ड रिजर्व के जरिये कोई भी देश अपनी इकोनॉमी को स्थिर बनाए रखता है.