Indian Economy: साल 2023 का आगाज हो चुका है. साल 2022 में लोगों की जिंदगी में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. वहीं अब आने वाले नए साल में लोगों को अपनी जिंदगी में बेहतर करने की उम्मीद है. वहीं भविष्य का अनुमान लगाना इतना आसान नहीं है. लेकिन कुछ संकेतकों और गणितीय फॉमूले की मदद से आने वाले वक्त में क्या हो सकता है, इसका एक अंदाजा जरूर लगा सकते हैं. इसी कड़ी में टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले 23 साल बाद यानी की साल 2046 में भारत कैसा हो सकता है. आइए जानते हैं भारत से जुड़े इन्हीं अनुमान के बारे में...


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हर भारतीय के पास फोन
साल 2000 में सिर्फ 0.3 फीसदी लोगों के पास भारत में फोन था. लेकिन अब इसकी संख्या 85 फीसदी तक पहुंच चुकी है. ऐसे में उम्मीद है कि साल 2046 तक भारत में प्रत्येक नागरिक के पास फोन होगा.


कारों की बिक्री
ऐसा कहा जा रहा है कि भारत में साल 2023 में कारों की बिक्री का आंकड़ा 45.3 लाख का स्तर छू सकती है. साल 2002-03 में यह आंकड़ा 7.3 लाख कार सालाना था. वहीं ऐसा अनुमान है कि साल 2046 में हर साल करीब 83 लाख कारें बिकेंगी.


हवाई यात्रा
साल 2000-01 में भारत में करीब 2.8 करोड़ घरेलू हवाई यात्री थे. ऐसी उम्मीद है कि इस साल यह बढ़कर 24.5 करोड़ हो जाएगी और साल 2046 तक यह संख्या करीब 48.1 करोड़ हो जाएगी.


शहरों की आबादी
साल 2000 में शहरों में भारत की करीब 30 फीसदी जनता रहती थी. वहीं ऐसी उम्मीद है कि 2046 तक भारत की करीब आधी जनता शहरों में रहेगी.


जीडीपी
अगर भारत की अर्थव्यवस्था की ओर देखा जाए तो 6 फीसदी सालाना की ग्रोथ साल 2046 तक भारत को 14 ट्रिलियन डॉलर इकॉनोमी तक पहुंचा देगी. वहीं 10 फीसदी सालाना की ग्रोथ से 30 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी तक पहुंचा जा सकता है.


10 लाख का पैकेज लो इनकम
लोगों की कमाई धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है. साल 2000 में एक भारतीय व्यक्ति औसतन 20 हजार रुपये सालाना कमाई करता था. वहीं वर्तमान में भारतीय व्यक्ति औसतन 2.1 लाख रुपये सालाना कमाता है. 6 फीसदी अगर ग्रोथ देखी जाए तो प्रति व्यक्ति सालाना आय साल 2046 में करीब 7.9 लाख हो सकती है. वहीं 8 फीसदी की ग्रोथ से यह साल 20246 तक 12.3 लाख हो सकती है और 10 फीसदी की ग्रोथ से यह साल 2046 तक 18.1 लाख रुपये हो सकती है.


2 लाख के पार सेंसेक्स
साल 2000 में सेंसेक्स करीब 4 हजार के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था. साल 2022 में सेंसेक्स ने 60000 के ऊपर क्लोजिंग दी है. इस तरह की अगर ग्रोथ देखने को मिले तो साल 2046 तक सेंसेक्स 2 लाख से स्तर को भी पार कर सकता है.


NRI
भारत के सबसे ज्यादा लोग विदेशों में रहते हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा प्रवासी जनसंख्या वाला देश भारत है. यह संख्या मैक्सिको, रूस और चीन से भी ज्यादा है. वर्तमान में भारत के करीब 1.8 करोड़ लोग विदेश में रह रहे हैं और ऐसा अनुमान है कि साल 2046 तक एनआरआई की संख्या 3.1 करोड़ से ज्यादा हो सकती है.


पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं