Indian Railway: वाहनों की ढुलाई से रेलवे रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रहा है. भारतीय रेलवे ने पिछले एक साल में ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में 60 फीसदी की बढ़ोतरी की है. यातायात का सुरक्षित और किफायती साधन होने के अलावा रेलवे न केवल ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बड़ी संख्या में वाहनों को लंबी दूरी तक पहुंचाने में मदद करता है, बल्कि कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का भी मौका देता है. हाल के दिनों में भारतीय रेलवे में ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में भारी इजाफा देखा गया है.ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में यह इजाफा कई कदमों का नतीजा है, जैसे प्राइवेट ओनरशिप वाले खास वैगनों की उपलब्धता.


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वहीं सोसाइटी फॉर इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (SIAM) सहित ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़े हितधारकों के उठाए गए मुद्दों के आधार पर, वाहन किराया ट्रेन संचालक (एएफटीओ) नीति को समय-समय पर उदार बनाया गया है. यह ऑटोमोबाइल निर्माताओं को उनकी जरूरतों के मुताबिक खास वैगनों का मालिक बना देता है. इसके साथ ही एसयूवी कारों के परिवहन की सुविधा के लिए, मौजूदा बीसीएसीबीएम वैगनों के अलावा आरडीएसओ में ऑटो-कैरियर वैगनों के नए डिजाइन भी तैयार किए गए हैं.


भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1 अप्रैल से 28 फरवरी तक 5,015 रेक लोड करके 69 फीसदी की वृद्धि हासिल करते हुए, ऑटोमोबाइल परिवहन में वृद्धि जारी रखी है. रेलवे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2966 रेक का लदान किया गया और वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 5015 रेकों का लदान किया जा चुका है.


इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भी भारतीय रेलवे ने बीते आठ वर्षों के दौरान छोटी यात्री कारों के घरेलू परिवहन में 10 गुना से अधिक के इजाफे के साथ ऑटोमोबाइल ट्रैफिक में इजाफा दर्ज किया था. वित्त वर्ष 2021-22 में रेलवे ने यात्री कारों से लदे 3,344 रेक चलाए थे.


(इनपुट-आईएएनएस)


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