रेलवे की नई `टू इन वन` ट्रेन, नीचे लदेंगे माल, ऊपर सफर करेंगे आप, जानिए क्या होगा इस डबल डेकर ट्रेन में खास
भारतीय रेलवे तेजी से विस्तार कर रहा है. नई ट्रेनें शुरू हो रही है. नए रेलवे ट्रैक बन रहे हैं. वंदे भारत, वंदे मेट्रो, बुलेट ट्रेनें बन रही है. अब रेलवे अब एक और नई ट्रेन शुरू करने जा रही है.
Indian Railway: भारतीय रेलवे तेजी से विस्तार कर रहा है. नई ट्रेनें शुरू हो रही है. नए रेलवे ट्रैक बन रहे हैं. वंदे भारत, वंदे मेट्रो, बुलेट ट्रेनें बन रही है. अब रेलवे अब एक और नई ट्रेन शुरू करने जा रही है. ये ट्रेन अपने आप में देश की ऐसी पहली ट्रेन होगी, जिसमें यात्री और मालगाड़ी ट्रेन एक साथ होगी. ट्रेन का निचला हिस्सा मालगाड़ी की तरह काम करेगा तो वहीं ऊपरी हिस्से में यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी. रेलवे की ये टू-इन-वन ट्रेन जल्द पटरियों पर दौड़ने वाली है.
रेलवे की नई टू-इन-वन ट्रेन
रेलवे नई डबल टेकर ट्रेनों की शुरुआत करने जा रही है. इस डबल टेकर ट्रेन में माल ढुलाई के साथ-साथ यात्रियों के सफर की भी व्यवस्था होगी. देश में कई रूटों पर डबल टेकर ट्रेनें चल रही हैं, लेकिन इनकी संख्या काफी कम है. अब रेलवे जो ट्रेन शुरू करने जा रही है, वो अपने आप में खास होगा. 20 कोचों वाले इस डबल डेकर ट्रेन को कपूरथला रेल कोच फैक्ट्री में तैयार किया जा रहा है. बैली फ्रेट कॉन्सेप्ट के तहत चलाई जाने वाली इन ट्रेनों का ट्रायल जल्द होने की उम्मीद है.
क्या होगा इन ट्रेनों में खास
इस टू-इन-वन डूबल डेकर ट्रेन के ऊपरी कोच में 46 यात्रिों के बैठने की जगह होगी. वहीं नीचे के डिब्बे में 6 टन तक माल ढोने की व्यवस्था होगी. तीन डिजाइन में ,े एक डिजाइन फाइनल करने के बाद इस कोच के निर्माण का काम आकिरी चरण में है और जल्द ही इसके ट्रायल होंगे. एक ट्रेन के एक कोच को बनाने में 2.70 करोड़ से 3 करोड़ तक का खर्च आएगा.
पूरी ट्रेन AC
इस ट्रेन का डिजाइन काफी अलग और अनूठा है. पूरी ट्रेन वातानूकुलित होगी. दरअसल कोविड के समय रेलवे को ऐसी ट्रेनों की जरूरत महसूस हुई, जिसमें यात्री और सामान दोनों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाया जा सके. भारत में इस तरह की ट्रेनें नहीं थी. इसी को देखते हुए रेलवे ने डबल डेकर यात्री और माल ढुलाई वाली ट्रेन शुरू करने का फैसला किया. ये ट्रेन रेलवे की नई शुरूआत है. इससे माल ढुलाई का न केवल वक्त बचेगा, बल्कि रेलवे की कमाई भी बढ़ेगी. एक जगह से दूसरी जगह तेजी से सामान पहुंच सकेंगे. वहीं यात्री और माल ढुलाई एक ही ट्रेन से होने पर रेलवे की कमाई भी बढेगी.