Railways Sleeping Timing: अगर आप भी लंबी दूरी के ल‍िए ट्रेन से सफर करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. यात्र‍ियों की सुव‍िधा को ध्‍यान में रखते हुए रेलवे की तरफ से समय-समय पर न‍ियमों में बदलाव क‍िया जाता है. प‍िछले द‍िनों रेलवे ने ट्रेन में यात्र‍ियों के सोने के समय में बदलाव क‍िया है. नए न‍ियम के अनुसार ट्रेन में यात्र‍ियों के सोने का समय पहले के मुकाबले कम हो गया है. पहले यात्री अपनी जर्नी के दौरान 9 घंटे तक सो सकते थे. लेक‍िन अब इस समय को घटाकर 8 घंटे कर द‍िया गया है. नए न‍ियम के अनुसार अब आप रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक सो सकेंगे. पहले यह समय रात के 9 बजे से 6 बजे तक था.


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10 से 6 का समय सोने के ल‍िहाज से अच्‍छा


इस न‍ियम को उन ट्रेनों में लागू क‍िया गया है, ज‍िनमें सोने की व्यवस्था है. रेलवे की तरफ से इस बदलाव को इसल‍िए क‍िया गया ताक‍ि लंबी दूरी का सफर करने वाले यात्री आराम से सफर कर सकें. 10 बजे से लेकर 6 बजे तक का समय नींद के ल‍िहाज से अच्छा माना जाता है. इस न‍ियम के लागू होने से पहले यात्र‍ियों की श‍िकायत रहती थी क‍ि मिडिल बर्थ वाले यात्री रात में जल्दी सो जाते हैं और सुबह देर तक सोते रहते हैं. इससे नीचे की सीट पर बैठने में परेशानी होती है. इसको लेकर कई बार यात्रियों के बीच विवाद भी हो जाता है.


यात्र‍ियों को परेशानी से बचाएगा नया न‍ियम
अब जब सोने का समय तय कर द‍िया गया है तो सफर करने वाले यात्र‍ियों को न‍ियमानुसार हर हाल में सुबह 6 बजे तक सोकर उठना जरूरी होगा. इस न‍ियम के अनुसार यात्री बीच वाली बर्थ को रात 10 से सुबह 6 बजे तक ही खोलकर रख सकता है. दरअसल, इसके ज्‍यादा समय तक खुलने रहने से नीचे की बर्थ वाले यात्र‍ियों को परेशानी होती है. इससे पहले या बाद में आप यात्री को सीट खोलने और नींद लेने रोक सकते हैं.


सुबह 6 बजे आपको बीच वाली सीट को डाउन करना जरूरी है. साथ ही आपको नीचे वाली सीट पर श‍िफ्ट होना होगा. ऐसा नहीं करने पर आपके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. नए नियम के अनुसार नीचे की सीट पर सफर कर रहे रिजर्व टिकट वाले यात्री, 10 बजे से पहले या 6 बजे के बाद अपनी सीट पर सोने की कोशिश नहीं कर सकते हैं. अगर कोई यात्री इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो रेलवे के खिलाफ शिकायत की जा सकती है.