हवा से बात करेगी देश में बनने वाली बुलेट ट्रेन! जानिए क्या होगी टॉप स्पीड
Bullet Train in ICF: बुलेट ट्रेन के कोच को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) डिजाइन कर रही है. इसमें घरेलू तकनीक और निर्माण को शामिल किया जाएगा. मुंबई- अहमदाबाद रूट पर पिलर के काम और भूमि अधिग्रहण को पूरा कर लिया है.
Bullet Train Project: एक दिन पहले खबर आई कि साल 2026 में अहमदाबाद-मुंबई रूट पर बुलेट ट्रेन के चलने की उम्मीद है. इसके साथ ही आने वाले समय में अहमदाबार से दिल्ली के रूप पर भी बुलेट ट्रेन को चलाने की प्लानिंग चल रही है. इसके बाद दोनों शहरों की 12 घंटे की दूरी घटकर करीब साढ़े तीन घंटा रह जाएगी. इसके साथ ही इकोनॉमिक टाइम्स में प्रकाशित खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि देश में स्वदेशी रूप से निर्मित बुलेट ट्रेन को तैयार किया जाना शुरू कर दिया है. बुलेट ट्रेन 250 किमी प्रति घंटा की रफ्तार की गति को पार करने में सक्षम है.
ICF में डिजाइन की जा रही बुलेट ट्रेन
बुलेट ट्रेन को वंदे भारत प्लेटफॉर्म पर विकसित किया गया है और यह 220 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार तक पहुंचने में सक्षम है. आने वाले समय में यह ट्रेन भारतीय रेलवे की किसी भी मौजूदा ट्रेन की गति को पार कर जाएगी. बताया गया कि बुलेट ट्रेन के कोच को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) डिजाइन कर रही है. इसमें घरेलू तकनीक और निर्माण को शामिल किया जाएगा. मुंबई- अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए जपान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) ने पिलर के काम और भूमि अधिग्रहण को पूरा कर लिया है.
320 किमी की गति तक पहुंचने में सक्षम
बुलेट ट्रेनों में जापान की तकनीक का यूज किया जाएगा. विशेष रूप से अहमदाबाद से मुंबई रूट के लिए शिंकानसेन E5 सीरीज, जो 320 किमी प्रति घंटा की गति तक पहुंचने में सक्षम है. भारतीय रेलवे की तरफ से भी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने पर फोकस किया गया है. प्रस्तावित वंदे भारत ट्रेनें मौजूदा बुलेट ट्रेनों की तुलना में और बेहतर प्रदर्शन करेंगी. देश में तैयार होने वाली बुलेट ट्रेन को नॉर्थ, साउथ और ईस्ट कॉरिडोर पर संचालित किया जाएगा. इन ट्रेनों में ज्यादा स्वदेशी तकनीक और निर्माण का उपयोग किया जाएगा.
JICA की तरफ से दी जा रही वित्तीय सहायता
यह पहल जापान की मदद से विकसित होने वाले वेस्ट कॉरिडोर जैसी होगी. जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है. वहीं राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम लिमिटेड (NHSRCL) इसके काम के पूरा होने में देखरेख कर रहा है. NHSRCL ने जनवरी में 300 किमी का पिलर कार्य पूरा करने और पूरे 508 किमी के लिए भूमि अधिग्रहण को अंतिम रूप देने की घोषणा की है.
दूसरी तरफ लोकसभा चुनाव से पहले कुछ विभागों की तरफ से चुनावी नतीजों के बाद 100 दिन की कार्ययोजना पर काम किया जा रहा है. भारतीय रेलवे भी उनमें से एक है. रेलवे की तरफ से 2024 के चुनावों के बाद 100 दिन का वर्किंग प्लान तैयार किया जा रहा है. इसमें यात्रियों की सुविधाओं पर फोकस किया जा रहा है. इन सुविधाओं में 24 घंटे की टिकट रिफंड योजना, रेलवे की विभिन्न सुविधाओं के लिए सुपर ऐप, तीन आर्थिक गलियारे और स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें शामिल हैं.