राजाजी नेशनल पार्क के रेल हादसे बचाएंगी मधुमक्खियां, रेलवे ने किया ये इंतजाम
राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में हाथियों एवं अन्य जंगली जानवरों के रेलगाड़ियों से होने वाले हादसे से बचाने के लिए रेलवे ने हरिद्वार से देहरादून के बीच पटरियों पर मधुमक्खी की आवाज निकालने वाला एक साउंड सिस्टम लगाया है.
नई दिल्ली : उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में स्थित राजाजी नेशनल पार्क क्षेत्र में हाथियों एवं अन्य जंगली जानवरों के रेलगाड़ियों से होने वाले हादसे से बचाने के लिए रेलवे ने हरिद्वार से देहरादून के बीच पटरियों पर मधुमक्खी की आवाज निकालने वाला एक साउंड सिस्टम लगाया है. इस साउंड सिस्टम ने 04 अक्तूबर से काम करना भी शुरू कर दिया है. उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल में हरिद्वार से देहरादून जाने के लिए रेलवे की पटरियां राजाजी नेशनल पार्क के वन क्षेत्र से हो कर गुजरती हैं. ऐसे में कई बार पटरियों पर हाथियों के झंड के आ जाने से हादसा हो जाता है. इसमें कई हाथियों की मौत भी हो चुकी है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड राज्य सरकार के वन विभाग से जानवरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कदम उठाने को भी कहा था.
पानी की तलाश में पटरियों को पार करते हैं हाथी
राजाजी नेशनल पार्क के जंगल में हाथी पानी के श्रोतों की तलाश में कई बार रेल पटरियों को पार करते हैं. हाल ही में ट्रेन से हाथियों के टकराने से उनकी मृत्यु होने की दो घटनाओं के बाद रेलवे ने हाथियों को हासदे से बचाने के लिए मधुमक्खियों की आवाज निकालने वाले साउंड सिस्टम लगाने की योजना बनाई. इस आवाज के चलते हाथी पटरियों के करीब नहीं आते हैं.
रंगिया मंडल में सफल रहा है यह प्रयोग
रेलवे ने उत्तरी सीमांत के रंगिया मंडल ने हाथियों को भगाने के लिए मधुमक्खी जैसी आवाज निकालने वाला सिस्टम प्रयोगिक तौर पर लगाया था. इस प्रयोग के काफी बेहतर परिणाम प्राप्त हुए. रंगिया डिविजन ने वन विभाग के साथ मिलकर इस संबंध में काम किया जिसमें पता चला कि मधुमक्खी की आवाज से हाथी काफी परेशान होते है और आम तौर पर मधुमक्खी वाले रास्ते से जाने से बचते हैं. ऐसे में इस सिस्टम को राजाजी नेशनल पार्क में लगाने का निर्णय लिया गया. राजाजी नेशनल पार्क में हाथियों के आने जाने वाले रास्तों को पता लगाने के लिए रेलवे एवं उत्तराखण्ड वन विभाग द्वारा ऐसे सिस्टम को लगाने की जगह का संयुक्त सर्वे किया गया. प्रयोगात्मक आधार पर मुरादाबाद मंडल ने वन क्षेत्र के भीतर पड़ने वाले मोतीचुर एवं कॉसरो स्टेशन के साथ ही राईवाला में दो लेवल क्रॉसिंग गेट सहित इस सैक्शन पर दो स्टेशनों में मधुमक्खी की आवाज जैसा साउंड सिस्टम स्थापित किया है.
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ट्रेन आने के पांच मिनट पहले शुरू होती है आवाज
मधुमक्खियों की आवाज वाला सिस्टम बनाने के लिए रेलवे की ओर से मधुमक्खी के झुंड के भिनभिनाने की आवाज को रिकॉर्ड किया गया. स्टेशन मास्टर एवं गेटमैन द्वारा ट्रेन के आने से पांच मिनट पहले मधुमक्खियों की इस आवाज को लाउडस्पीकर की मदद से चलाया जाता है. यह आवाज लगभग 500 मीटर की दूरी तक सुनाई देती है. ऐसे में ट्रेन के आने के दौरान हाथी पटरियों से दूर रहते हैं.