How Diesel is Filled in Train: आप सब इस बात को भली भांति जानते होंगे कि गाड़ियों में अगर पेट्रोल-डीजल भरवाना हो तो उन्हें  पेट्रोल पंप पर ले जाना ही पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि डीजल से चलने वाली रेल गाड़ियों में तेल कैसे भरा जाता है. क्या उन्हें इसके लिए किसी पेट्रोल पंप पर ले जाया जाता है या फिर कोई और खास तरीका है. आज इस दिलचस्प सवाल का जवाब हम आपको विस्तार से देने जा रहे हैं. 


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रेलवे स्टेशन पर ही भर दिया जाता है डीजल


असल में डीजल से चलने वाली ट्रेनों को ईंधन भरवाने के लिए किसी खास पेट्रोल पंप या यार्ड में ले जाने की जरूरत नहीं पड़ती. यह सब काम रेलवे स्टेशन पर ही हो जाता है. वहां पर ट्रेन के इंजन में डीजल भरने (How Diesel is Filled in Train) के लिए पटरियों के पास खास पाइप लाइन बनी होती है. इस लाइन का सिरा स्टील से बने एक बॉक्स में होता है, जिसकी चाबी रेलवे के उस कर्मचारी के पास होती है, जिसे ट्रेनों में तेल भरने का काम सौंपा गया है. 


खास औजार से खोला जाता है बॉक्स


इस बॉक्स को खोलने के बाद उसे चालू करने के लिए खास औजार की जरूरत पड़ती है, जो केवल उस कर्मचारी के पास ही होता है. पंप चालू करने से पहले कर्मचारी पाइप लगाकर उसे ट्रेन के डीजल (How Diesel is Filled in Train) टैंक से जोड़ता है. इसके बाद किसी सामान्य गाड़ियों की तरह वाहन में पेट्रोल डालने का काम शुरू किया जाता है. ट्रेन के डीजल टैंक के पास एक स्केल लगा होता है, जिसमें दिखता रहता है कि कितना डीजल भर चुका है. 


स्टॉर्टिंग स्टेशन पर ही भरा जाता है तेल


रेलवे सूत्रों के मुताबिक जिस स्टेशन से ट्रेन की शुरुआत होने वाली होती है, अमूमन उसी जगह पर रेल में तेल (How Diesel is Filled in Train) भरा जाता है. ट्रेन के डीजल टैंक की क्षमता 6 हजार लीटर की होती है. अगर वह ट्रेन छोटी दूरी को कवर करने वाली होती है तो आम तौर पर उसमें एक बार में भरा गया तेल काफी होता है. लेकिन अगर वह एक से ज्यादा राज्यों को कवर करते हुए चलती है तो रास्ते में भी उसके डीजल टैंक को रीफिल किया जाता है. 



कितना माइलेज देती हैं ट्रेन


अब सवाल आता है कि ट्रेन का इंजन आखिर कितना माइलेज (Indian Railways Interesting Facts) देता है. असल में यह सवाल ट्रेनों में लगे डिब्बों और उनकी स्पीड पर निर्भर करता है. अगर किसी 12 डिब्बे वाली एक्सप्रेस ट्रेन जा रही हो तो उसका इंजन 4.5 लीटर डीजल में केवल 1 किमी चलेगा. वहीं अगर कोई पैसेंजर ट्रेन 24 डिब्बों वाली है तो 6 लीटर डीजल में केवल 1 किमी ही ट्रेन दौड़ेगी. इसकी वजह ये है कि एक्सप्रेस ट्रेन में बार-बार ब्रेक नहीं लगाने पड़ते और डीजल भी कम खर्च होता है.


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