Vande Metro Train: अभी 100 से 200 किलोमीटर का सफर तय करने में ट्रेन घंटों लगाती हैं. लेकिन इंडियन रेलवे कुछ ऐसा करने जा रहा है, जिससे सफर मिनटों में पूरा हो जाएगा. भारतीय रेलवे जुलाई में कम दूरी वाली वंदे मेट्रो ट्रेनों का ट्रायल रन शुरू करेगी और अगले महीने वंदे भारत की स्लीपर वाली ट्रेनों का ट्रायल रन शुरू करेगी. वंदे मेट्रो ट्रेनें 100 से 250 किलोमीटर के दायरे वाले रूटों पर चलेंगी, जबकि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को 1,000 किलोमीटर से लंबे रूटों पर चलाया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, वंदे मेट्रो ट्रेनें करीब 124 शहरों को जोड़ेंगी और कुछ चिन्हित रूट में लखनऊ-कानपुर, आगरा-मथुरा, दिल्ली-रेवाड़ी, भुवनेश्वर-बलासोर और तिरुपति-चेन्नई शामिल हैं.


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हर ट्रेन में होंगे 12 कोच


नई वंदे मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह से एसी होगी और मौजूदा रेलवे की पटरियों पर ही चलेंगी. ये गाड़ियां बड़े शहरों और उनके आसपास के छोटे शहरों को जोड़ने का काम करेंगी. इन ट्रेनों में जनरल डिब्बों में ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे. एक रेलवे अधिकारी के अनुसार ये ट्रेनें जल्दी रफ्तार पकड़ने और छोटे-छोटे स्टेशनों पर रुकेंगी। हर ट्रेन में 12 डिब्बे होंगे और डिब्बों के दरवाजे बड़े और ऑटोमैटिक होंगे. साथ ही, डिब्बों में खड़े होने के लिए भी ज्यादा जगह होगी. अगर जरूरत पड़ी तो इन ट्रेनों में 16 कोच भी लगाए जा सकते हैं.


50 नई अमृत भारत ट्रेनें का टारगेट
ट्रेनों को आधुनिक बनाने की योजना के तहत रेलवे इस साल 50 नई अमृत भारत ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखता है. ये ट्रेनें आगे और पीछे दोनों तरफ इंजन लगाकर चलाई जाएंगी, जिससे इन्हें दिशा बदलने में आसानी होगी. ये ट्रेनें लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों को किफायती दाम में सफर करने की सुविधा देंगी. पहली ऐसी ट्रेन दिल्ली और अयोध्या के बीच चलाई गई थी.


डिजाइन होगा विदेशी ट्रेन जैसा
ये ट्रेनें करीब 2026 तक आने वाली हैं और इनकी खासियत यह होगी कि इनके आगे का डिब्बा यूरोपियन ट्रेनों की तरह नुकीला होगा. रेलवे की योजना है कि आने वाले समय में वो करीब 400 ऐसी अमृत भारत ट्रेनें चलाएगा.