Rajdhani Shatabdi news: अगर आपने राजधानी, शताब्दी, तेजस या वंदे भारत में सफर किया है तो आपको पता ही होगा कि इसमें यात्रियों को रेलवे द्वारा पानी की बोतल दी जाती है. हालांकि राजधानी में 1 लीटर पानी दिया जाता है तो वहीं शताब्‍दी में आधा लीटर पानी की बोतल दी जाती है. इसके अलावा कई ट्रेनों में ये फायदा नहीं मिलता है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्‍या गर्मी में दूसरी ट्रेनों में भी पानी की सुविधा दी जाएगी. रेलवे के अधिकारियों ने इस मामले में कुछ बातें बतायी हैं. आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह. 


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ऐसा फैसला क्‍यों लिया गया? 


रेलवे अधिकारी बताते हैं कि शताब्दी में पानी की बोतल देने के पीछे वजह यह थी कि पानी के वेस्टेज को रोका जा सके. ये फैसला इसलिए भी लिया गया क्‍योंकि इसके बाद प्‍लास्टिक की बोतल (वेस्ट मैटीरियल) को भी कम किया जा सकता था. मान लें कि आप दिल्ली से चंडीगढ़ जा रहे हैं, तो शताब्दी में आपको 500 एमएल पानी और 200 एमएल जूस दिया जाता है.  


शताब्दी के अलावा बाकी ट्रेनों में क्यों नहीं मिलती ये सुविधा?


आप जानते ही हैं कि शताब्दी जितना समय दूसरी ट्रेन भी लेती है. ऐसे में ये सुविधा सिर्फ शताब्‍दी को ही क्‍यों दी जाती है. इस मामले में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोई भी पॉलिसी रूट या किसी एक ट्रेन के लिए नहीं बनाई जाती है. राजधानी, वंदे भारत और तेजस जैसी ट्रेनों में 15 घंटे से भी ज्यादा समय लगता है. इस वजह से केवल एक रूट के लिए ट्रेन की सुविधाओं में बदलाव नहीं किया जा सकता है.   


दूसरी ट्रेनों में भी मिलेगा आधा लीटर पानी?


इस सवाल के जवाब में रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ऐसे फैसले रेलवे बोर्ड के द्वारा ही लिए जा सकते हैं. भविष्य में रेलवे बोर्ड को अगर ऐसा लगता है कि पानी की बर्बादी और वेस्ट मैटेरियल को कम करने के लिए कुछ रूट पर इस व्यवस्था को लागू को लागू किया जा सकता है. हालांकि इस तरह के फैसले लेने के लिए रेलवे विभिन्न कमेटी बनाता है और उन कमेटी के फैसले पर ही ये निर्भर करता है. 


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