नई दिल्ली: कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पादों, उर्वरक और सीमेंट के उत्पादन में गिरावट के कारण आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जुलाई में सालाना आधार पर धीमी होकर 2.4 प्रतिशत रही. आठ बुनियादी उद्योग कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, स्टील, सीमेंट और बिजली है. इसमें पिछले साल जुलाई में 3.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. हालांकि जुलाई 2017 की वृद्धि जून के मुकाबले अधिक है. जून में इन आठ उद्योगों की वृद्धि दर 0.8 प्रतिशत थी.


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आधिकारिक आंकड़े के अनुसार कच्चे तेल के उत्पादन में 0.5 प्रतिशत, रिफाइनरी उत्पादों 2.7 प्रतिशत, उर्वरक में 0.3 प्रतिशत तथा सीमेंट में 2 प्रतिशत की गिरावट आयी. कोयला उत्पादन की वृद्धि आलोच्य महीने में घटकर 0.7 प्रतिशत रही जो जुलाई 2016 में 4.1 प्रतिशत थी. आंकड़े के अनुसार प्राकृतिक गैस का उत्पादन जुलाई में 6.6 प्रतिशत बढ़ा.


स्टील उत्पादन और बिजली उत्पादन इस साल जुलाई में क्रमश: 9.2 प्रतिशत तथा 5.4 प्रतिशत रही जबकि इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने में यह क्रमश: शून्य प्रतिशत तथा 2.1 प्रतिशत थी. कुल मिलाकर आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अप्रैल-जुलाई के दौरान 2.5 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी अवधि में 6 प्रतिशत थी. प्रमुख उद्योगों में धीमी वृद्धि का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) पर असर पड़ेगा क्योंकि कुल औद्योगिक उत्पादन में इस खंड की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत है. जून में इन आठ उद्योगों की वृद्धि दर 0.8 प्रतिशत रही.


बागवानी उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर वर्ष 2016-17 में 30 करोड़ टन
फलों, सब्जियों, मसालों और बागान फसलों के रिकॉर्ड उत्पादन को देखते हुए वर्ष 2016-17 के दौरान देश का बागवानी उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़कर 30 करोड़ टन के स्तर को छू गया जो एक नया कीर्तिमान है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार बागवानी फसल की खेती का रकबा वर्ष 2016-17 में 2.6 प्रतिशत बढ़कर 2.51 करोड़ हेक्टेयर हो गया जो पिछले वर्ष 2.45 करोड़ हेक्टेयर था.


कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2016-17 के लिए बागवानी फसलों के खेती के रकबे और उत्पादन के संदर्भ में तीसरे अग्रिम अनुमान को जारी किया. इसमें कहा गया है, ‘वर्ष 2016-17 के दौरान बागवानी फसलों का रिकॉर्ड उत्पादन करीब 30 करोड़ टन होने की अनुमान है जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4.8 प्रतिशत अधिक है.’


(इनपुट एजंसी से भी)