मुश्किल में खटाखट लोन लेने वाली कंपनी, भारी नकदी संकट से जूझ रही फिनटेक फर्म लेंडिंगकार्ट, वैल्यूएशन 60% लुढ़का
फिनटेक कंपनियों की दिक्कतें बढ़ती जा रही है. एक और फिनटेक कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है. इस बार कैश संकट में फिनटेक फर्म लेंडिंगकार्ट फंसी है. लेंडिंगकार्ट भारी नकदी संकट से जूझ रही है.
Lendingkart: फिनटेक कंपनियों की दिक्कतें बढ़ती जा रही है. एक और फिनटेक कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है. इस बार कैश संकट में फिनटेक फर्म लेंडिंगकार्ट फंसी है. लेंडिंगकार्ट भारी नकदी संकट से जूझ रही है. कंपनी का घाटा बढ़कर25 करोड़ रुपये से आसपास पहुंच गया है .
कैसी है कंपनी का आर्थिक हालात
फिनटेक फर्म लेंडिंगकार्ट ने वित्त वर्ष 2024-25 की जून तिमाही में 24.87 करोड़ रुपये का घाटा दर्ज किया है. वहीं पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 25.63 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. कंपनी द्वारा घाटे की वजह मार्जिन कम होना है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में लेंडिंगकार्ट का ऑपरेटिंग मार्जिन 12.62 प्रतिशत था, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 31.62 प्रतिशत था. हालांकि, कंपनी की बिक्री चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में सालाना आधार पर 18.57 प्रतिशत बढ़कर 272.93 करोड़ रुपये रही.
60 फीसदी गिर गई वैल्यूएशन
नकदी संकट के कारण इस कंपनी के वैल्यूएशन में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. करीब चार साल पहले के फंडिंग राउंड में लेंडिंगकार्ट ने 350 मिलियन के वैल्यूएशन पर फंड जुटाया था, फिलहाल कंपनी 100 मिलियन डॉलर के वैल्यूएशन पर फंड जुटाने की कोशिश कर रही है. इस तरह कंपनी के वैल्यूएशन में 60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई है.
कोरोना के बाद कमाया था मुनाफा
कोरोना के बाद लेंडिंगकार्ट मुनाफा कमाने में कामयाब रही थी. वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी 119 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाने में कामयाब रही थी, लेकिन वित्त वर्ष 2023-24 में कंपनी ने केवल 3 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया. लेंडिंगकार्ट के संकट में जाने की वजह क्रेडिट की लागत का बढ़ना है. इसके अलावा आरबीआई के फर्स्ट लॉस डिफॉल्ट गारंटी नियम और को-लेंडिंग की तरफ जाने से कंपनी के बिजनेस पर नकारात्मक असर हुआ है.
आईसीआरए के डेटा के मुताबिक, लेंडिंगकार्ट की एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) वित्त वर्ष 2023-24 में 8,883 करोड़ रुपये थी, जो कि पहले 6,174 करोड़ रुपये थी को-लेंडिंग मॉडल को अपनाने से कंपनी को अपना एयूएम को बढ़ाने में मदद मिली, लेकिन इसने कंपनी की आय और मुनाफे को सीमित कर दिया. इसके कारण ही हाल के कुछ वर्षों में कंपनी के मुनाफे में भी गिरावट आई है. मौजूदा समय में फिनटेक क्षेत्र के निवेशक ऐसी कंपनियों में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो कि वित्तीय रूप से मजबूत हैं. इनपुट-आईएएनएस हिंदी