नई दिल्ली: 1 अप्रैल से हर साल थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस प्रीमियम में बदलाव होता है, लेकिन इस साल इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA की तरफ से मोटर बीमा प्रीमियम में कोई बदलाव नहीं किया गया है. प्रीमियम में बदलाव नहीं होने की वजह से इंश्योरेंस कंपनियों की दलील है कि उनका लॉस रेशियो काफी बढ़ रहा है और क्लेम का दबाव ज्यादा है. घाटे की भरपाई कंपनियां ऑन डैमेज प्रीमियम में ग्राहकों को देने वाले डिस्काउंट से कर रही है. IRDA ने 1,000 सीसी से कम की इंजन क्षमता वाली कारों के लिए थर्ड पार्टी बीमा के प्रीमियम को 2,055 रुपये से घटाकर 1,850 रुपये कर दिया है. गाड़ी का थर्ड पार्टी बीमा कराना जरूरी है.


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इस मामले पर फ्यूचर जनरली इंश्योरेंस के अंतरिम CEO श्री राज देशपांडे ने जी बिजनेस से खास बातचीत की. बातचीत में उन्होंने कहा कि दरें नहीं बदली हैं, लेकिन डिस्काउंट कम हो गया है. इसके अलावा थर्ड पार्टी क्लेम में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. कोर्ट के आदेश की वजह से क्लेम के मामले बढ़े हैं, जिसकी वजह से कंपनियों का नुकसान बढ़ा है. इसका सीधा असर ऑन डैमेज प्रीमियम पर दिख रहा है. कंपनियों इसके जरिए नुकसान की भरपाई करने में लगी हैं.


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उन्होंने कहा कि नए नियम के बाद 10 फीसदी प्राइवेट व्हीकल प्रीमियम पर असर पड़ा है. साथ ही कमर्शियल व्हीकल पर 20 फीसदी ज्यादा असर पड़ा है. कंपनियों ने नुकसान की भरपाई के लिए ऑन डैमेज प्रीमयम पर डिस्काउंट कम करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इसका असर अगले साल ज्यादा होगा.
अगले साल काफी ज्यादा असर होगा