Income Tax Return: जिन लोगों की इनकम टैक्स स्लैब में आती है, उन लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना काफी जरूरी हो जाता है. इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया के लिए 31 जुलाई 2023 की तारीख निर्धारित हुई थी. इस तारीख तक करोड़ों लोगों ने अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर दिया था, जिसमें लोगों को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपनी कमाई का खुलासा करना था. हालांकि अब कई लोगों के मन में सवाल है कि क्या तय तारीख के बाद संशोधित आईटीआर (Revised ITR) दाखिल करने पर आपको जुर्माना देना होगा? दरअसल, लोगों को कई बार आईटीआर रिवाइज करने की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में आइए जानते हैं इसके बारे में...


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इनकम टैक्स रिटर्न का संशोधन


आपका टैक्स रिटर्न केवल तभी संशोधित माना जाएगा जब मूल रिटर्न नियत तारीख यानी 31 जुलाई 2023 तक दाखिल किया गया था, और ई-फाइलिंग के 30 दिनों के भीतर ई-सत्यापित किया गया था. यदि यह नियत तारीख तक दाखिल नहीं किया गया था, तो रिटर्न को विलंबित टैक्स रिटर्न माना जाएगा और टैक्सपेयर्स पर धारा 234F के तहत विलंब शुल्क लगाया जाएगा. 



कोई सीमा नहीं


हालांकि, यदि मूल टैक्स रिटर्न नियत तारीख तक दाखिल किया गया था, तो इसे करदाता के जरिए संशोधित किया जा सकता है. धारा 139(5) के तहत संशोधित रिटर्न 31 दिसंबर तक दाखिल करना होगा, भले ही मूल रिटर्न कर विभाग द्वारा संसाधित किया गया हो. टैक्स रिटर्न को कितनी बार भी संशोधित किया जा सकता है इसकी भी कोई सीमा नहीं है.


पिछले रिटर्न को भी कर सकते हैं अपडेट


इस साल दाखिल किए गए टैक्स रिटर्न को संशोधित करने के अलावा, टैक्सपेयर्स पिछले रिटर्न को भी अपडेट कर सकते हैं. अपडेटेड रिटर्न प्रासंगिक मूल्यांकन वर्ष की समाप्ति के 24 महीने के भीतर दाखिल किया जा सकता है. हालांकि इसकी अनुमति केवल तभी दी जाती है जब अपडेटेड रिटर्न के परिणामस्वरूप टैक्स का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ता है. टैक्स रिफंड का दावा करने के लिए अपडेटेड रिटर्न दाखिल नहीं किया जा सकता.


इसका भी रखें ध्यान


हालांकि, अगर आप आईटीआर दाखिल करने में कोई गलती करते हैं तो चिंता की कोई बात नहीं है. आयकर विभाग टैक्सपेयर्स को अपनी फाइलिंग प्रक्रिया के दौरान की गई किसी भी प्रकार की गलतियों को सुधारने और आगे एक संशोधित आईटीआर जमा करने का प्रावधान प्रदान करता है. संशोधित रिटर्न दाखिल करने के उद्देश्य से आयकर विभाग कोई शुल्क या जुर्माना नहीं लगाता है. हालांकि, आय में संशोधन या कर देनदारी में बदलाव की स्थिति में कुछ ब्याज लगाया जाएगा.