नई दिल्ली: Gold Hallmarking: गोल्ड ज्वेलरी पर अनिवार्य हॉलमार्किंग को लेकर ज्वेलर्स में नाराजगी है. देश के 350 सर्राफा संघों ने हॉलमार्किंग के खिलाफ आज हड़ताल बुलाई है. ज्वेलर्स संघों का कहना है कि देश में अबतक जरूरत के मुताबिक हॉलमार्किंग सेंटर्स नहीं बनाए गए हैं, जिसकी वजह से यहां कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है, जिसकी वजह से उनका बिजनेस प्रभावित हो रहा है.


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ज्वेलर्स कर रहे हैं HUID का विरोध


ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) का कहना है कि हॉलमार्किंग यूनीक आईडी (HUID) एक बेहद जटिल और धीमी प्रक्रिया है, इससे पूरा कारोबार ठप होने का अंदेशा है, इसलिए हम इसका विरोध कर रहे हैं. ज्वेलर्स का कहना है कि इससे इंस्पेक्टर राज की वापसी होगी. ज्वेलर्स का कहना है कि नया HUID सिस्टम फूलप्रूफ नहीं है, क्योंकि एक ही पीस पर डबल HUID, ज्वेलरी के कई पीस पर एक ही HUID जैसे कई मुद्दे हैं. इस हड़ताल के दौरान आज सभी ज्वेलरी प्रतिष्ठान, शोरूम और मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स बंद रहेंगे. कई जगह ज्वेलर्स धरना प्रदर्शन भी करेंगे. राजस्थान में करीब 50 हजार व्यापारी, 2 लाख कर्मचारी और 5  लाख कारीगर हड़ताल पर रहेंगे.


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हॉलमार्किंग से व्यापार, ग्राहक का फायदा: सरकार


हालांकि इसके उलट शनिवार को सरकार ने हॉलमार्किंग को बेहद कारगर और ग्राहकों के हितों की रक्षा करने वाला बताया. BIS भी HUID को गुणवत्ता और ट्रेसेबिलिटी के लिए बेहतर बता रहा है. सरकार ने कहा कि हॉलमार्किंग से ग्राहक का भरोसा और व्यापार दोनों को लाभ मिला है. हॉलमार्किंग की प्रक्रिया में देरी पर सरकार ने सफाई दी कि सभी लैब्स का पूर्ण क्षमता में उपयोग हो तो देरी नहीं होगी. सरकार ने ज्वेलर्स से कहा है कि वो अपनी हड़ताल को वापस ले लें.


इंस्पेक्टर राज खत्म होगा: BIS


BIS का कहना है कि हॉलमार्किंग को बेहद कम समय में बड़ी सफलता मिली है. 1 करोड़ से भी ज्यादा ज्वेलरी की हॉलमार्किंग हो चुकी है. 90,000 से ज्यादा ज्वेलर्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं. हर दिन करीब 4 लाख ज्वेलरी की हॉलमार्किंग हो रही है. BIS का कहना है कि HUID आधारित हॉलमार्किंग से सभी को फायदा है. ये इंडस्ट्री में पारदर्शिता लेकर आता है साथ ही इंसपेक्टर राज को खत्म करता है.


हॉलमार्किंग से किसे है छूट


सरकार ने 40 लाख रुपये सालाना से कम कारोबार करने वाले ज्वेलरों को हॉलमार्किंग के अनिवार्य नियमों से छूट दे रखी है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों के ज्वेलरों को राहत मिलेगी जिनके पास संसाधन की भी कमी है. इसके अलावा कुंदन, पोलकी और जड़ाउ ज्वेलरी और पेन को हॉलमार्किंग से छूट दी गई है.


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