नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने किसानों के लिए एक बार फिर बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) के हित में दरियादिली दिखाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ने पर एफआरपी यानी फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस (Fair and Remunerative Price) बढ़ाकर 290 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया है. आपको बता दें कि यह 10 फीसदी रिकवरी पर आधारित होगा.


किसानों की बल्ले-बल्ले 


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आज कैबिनेट बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि अभी गन्ने का एफआरपी 285 रुपये है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अगर गन्ना रिकवरी 9.5 फीसदी से कम है तो भी उसे 9.5 फीसदी (Fair and Remunerative Price Increase) का दाम मिलेगा. यानी अब किसानों को गन्ने के लिए 275.50 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिलेगा. 


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क्या है गन्ना रिकवरी?


गन्ना रिकवरी से अर्थ है गन्ने से कितनी चीनी निकली. 10 % रिकवरी से यानी 1 क्विंटल गन्ने के रस से 10 फीसदी यानी 10 किलो चीनी बननी चाहिए. पीयूष गोयल ने कहा कि ताजा फैसले से अगले शुगर के सीजन में गन्ना किसानों को एफआरपी के तहत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे. यानी किसानों के लिए अगला सीजन मुनाफे वाला होगा.


ईथेनॉल दे रहा किसानों को लाभ 


केंद्रीय मंत्री ने चीनी के एक्सपोर्ट को लेकर बताया कि पिछले साल 70 लाख टन चीनी के एक्सपोर्ट के कॉन्ट्रैक्ट हुए हैं. अब तक 55 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट हो चुकी है और बाकी के एक्सपोर्ट के लिए प्रक्रिया चल रही है. प्रेस कांफ्रेंस में गोयल ने ईथेनॉल से गन्ना किसानों को हो रहे फायदे पर भी जोर डाला. उन्होंने कहा कि ईथेनॉल गन्ना किसानों की आय में बढ़ाएं में अहम भूमिका निभा रहा है. इसकी वजह से पिछले साल गन्ना किसानों को 15000 करोड़ रुपये मिले. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अभी पेट्रोल में इथेनॉल की मिलावट 7.50-8 फीसदी है. अगले 2 से ढाई साल में पेट्रोल में यह मिलावट 20 फीसदी होगी. 


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