नई दिल्ली : शेल कंपनियों पर सख्ती के बाद सरकार अब लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप्स (LLPs) पर सख्ती बढ़ाने जा रही है. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय लिमिटेड लाइबिलिटी पार्टनरशिप फर्म्स पर कंपनी कानून के कई अहम प्रावधान लागू करने जा रहा है. सूत्रों के अनुसार सरकार ने LLPs के दुरुपयोग को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है. सरकार को जानकारी मिली है कि चीजें छिपाने के लिए बड़ी कंपनियों ने खूब LLPs बनाए हैं.


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LLPs को मिलने वाली रियायतों में कमी होगी
इन पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरपु से LLPs को मिलने वाली रियायतों को भी कम किया जाएगा. ऐसी कंपनियों पर सख्ती के लिए LLPs एक्ट के सेक्शन 67 में बदलाव किया जाएगा. LLPs के तहत नई तरह की शेल कंपनियां बनने का शक सरकार को है. अब नए नियमों के तहत कोई व्यक्ति कितने LLPs में पार्टनर बन सकता है, इसकी भी एक सीमा तय की जाएगी.


LLPs में पार्टनर बनने की कोई सीमा नहीं
कोई भी व्यक्ति अधिकतम 20 कंपनियों में ही डायरेक्टर बन सकेगा. लेकिन अभी LLPs में पार्टनर बनने की कोई सीमा नहीं है. सूत्रों का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज LLPs की जांच कर सकेंगे. अभी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास कंपनियों की जांच का अधिकार है पर LLPs की जांच का अधिकारी नहीं है. सूत्रों का कहना है कि LLPs पर कंपनियों की तर्ज पर अकाउंटिंग स्टैंडर्ड होगा. सूत्रों का कहना है कि आने वाले समय में LLPs के लिए भी रिवाइवल का नियम लाया जाएगा. अभी कंपनियों का रिवाइवल संभव है लेकिन LLPs का नहीं.