Palm Oil Tax can be reduce: मलेशिया ताड़ के तेल (Palm Oil) पर अपने निर्यात कर (Export Tax) में कटौती करने पर विचार कर रहा है और खाद्य तेल की कमी के बीच वैश्विक मांग को पूरा करने में मदद करने के लिए अपने बायोडीजल जनादेश के कार्यान्वयन को धीमा करने की योजना बना रहा है. मलेशिया की वस्तु मंत्री ने मंगलवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स को इसकी जानकारी दी.


कमोडिटी मंत्रालय ने दिया प्रस्ताव


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इकोनोमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक बागान उद्योग और कमोडिटी मंत्री जुरैदा कमरुद्दीन (Zuraida Kamaruddin) ने मंगलवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि उनके मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को कटौती का प्रस्ताव दिया है. ज़ुरैदा का कहना है कि मलेशिया टैक्स में कटौती कर सकता है, यह संभवतः एक अस्थायी उपाय है. 


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टैक्स में की जा सकती है इतनी कमी


मलेशिया, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पाम ऑयल उत्पादक है. आपको बता दें कि फिलहाल मलेशिया में 8% एक्सपोर्ट टैक्स है, जिसे 4% से 6% के बीच किया जा सकता है. जुरैदा के मुताबिक जून की शुरुआत में इस पर फैसला लिया जा सकता है.


कितना जरूरी है पाम ऑयल?


जुरैदा ने कहा, 'संकट के इस समय के दौरान, शायद हम थोड़ी राहत दे सकते हैं ताकि अधिक ताड़ के तेल का निर्यात किया जा सके.' ज़ुरैदा ने कहा, 'हमें पहले दुनिया को खाना देने के लिए प्राथमिकता देनी होगी.' बता दें कि पाम तेल, केक से लेकर डिटर्जेंट तक हर चीज में इस्तेमाल किया जाता है. यह वैश्विक वनस्पति तेल शिपमेंट का लगभग 60% हिस्सा है और शीर्ष उत्पादक इंडोनेशिया द्वारा इसके निर्यात पर रोक लगाए जाने से बाजार हिल गया है.


भारत पर क्या पड़ेगा असर?


अगर मलेशिया पाम ऑयल के निर्यात कर में कटौती करता है तो इसका लाभ हर खरीददार देश को होगा. दरअसल इसका लाभ घटी कीमतों के रूप में हर भारतीय को देखने को मिलेगा.


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