Manmohan Singh Death: `विशाल आपदा`, माथा पीटकर, हैरान होकर मोदी सरकार की नोटबंदी पर मनमोहन सिंह ने क्या कहा था?
Manmohan Singh Death News: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं. उनके न होने पर उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जिनकी चर्चा होने लगी है. ऐसा ही एक किस्सा नोटबंदी से भी जुड़ा हुआ है.
Manmohan Singh Death News: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आज हमारे बीच नहीं हैं. उनके न होने पर उनसे जुड़े ऐसे कई किस्से हैं जिनकी चर्चा होने लगी है. ऐसा ही एक किस्सा नोटबंदी से भी जुड़ा हुआ है. नोटबंद को लेकर मनमोहन सिंह ने चौंकाने वाला बयान दिया था. आइये आपको बताते हैं उन्होंने नोटबंदी को 'आयोजित लूट और वैध डकैती' क्यों कहा था.
नोटबंदी की पहली वर्षगांठ और मनमोहन
8 नवंबर 2016 के नोटंबदी के फैसले को मनमोहन सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था और लोकतंत्र के लिए 'काला दिन' बताया था. उन्होंने यह बयान 2017 में गुजरात के अहमदाबाद में एक सभा के दौरान दिया था. जो नोटबंदी की पहली वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर आयोजित की गई थी.
'86% नकदी खत्म कर दी गई'
मनमोहन सिंह ने कहा था कि दुनिया में कहीं भी ऐसा उदाहरण नहीं मिलेगा, जहां किसी देश ने इतनी कठोर कार्रवाई करते हुए अपनी 86 प्रतिशत मुद्रा को खत्म कर दिया हो. उन्होंने संसद में दिए अपने बयान को दोहराते हुए कहा था कि यह (नोटबंदी) संगठित लूट और वैध डकैती थी. जब मैंने नोटबंदी की घोषणा सुनी, तो मैंने सोचा कि प्रधानमंत्री को यह खतरनाक सलाह किसने दी.
कैशलेस इकोनॉमी के लिए नोटबंदी को बताया बेअसर
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि अगर सरकार कैशलेस अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना चाहती थी, तो नोटबंदी जैसा कदम अप्रभावी था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि नोटबंदी के बाद 'टैक्स आतंकवाद' का डर बढ़ गया था. जिससे भारतीय व्यापारियों का आत्मविश्वास डगमगा गया और उन्होंने निवेश से बचना शुरू कर दिया.
नोटबंदी और जीएसटी से दोहरा झटका
मनमोहन सिंह ने नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (GST) को भारतीय अर्थव्यवस्था पर दोहरा प्रहार बताया था. उन्होंने कहा था कि यह दोहरा झटका हमारी अर्थव्यवस्था के लिए पूरी तरह से विनाशकारी साबित हुआ. इससे हमारे छोटे व्यापारियों की रीढ़ टूट गई. GST की आलोचना करते हुए उन्होंने इसे 'खराब तरीके से डिजाइन किया गया, जल्दबाजी में लागू किया गया, और एक बड़ी भूल' करार दिया था. उनका कहना था कि वर्तमान GST का रूप उनकी पार्टी की परिकल्पना से पूरी तरह अलग था. उन्होंने इसे 'जटिल संरचना, कई स्लैब और अतिरिक्त सेस का जाल' बताया था.
रोजगार और आयात पर पड़ा असर
पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया था कि नोटबंदी और GST के कारण रोजगार के अवसरों में भारी गिरावट आई. उन्होंने कहा था कि हमें भारतीय नौकरियों की कीमत पर चीनी आयात का सहारा लेना पड़ा. 2016-17 के पहले छमाही में चीन से भारत का आयात 1.96 लाख करोड़ रुपये था, जो 2017-18 में बढ़कर 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया. मनमोहन सिंह ने यह भी कहा था कि केवल एक वर्ष में आयात में 45,000 करोड़ रुपये (23%) की बढ़ोतरी मुख्य रूप से नोटबंदी और GST का परिणाम थी. उन्होंने इस निर्णय को भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए दूरगामी और विनाशकारी प्रभाव वाला कदम बताया था.
सरदार पटेल का संदर्भ
सिंह ने GST लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए कहा था कि अगर उन्होंने 'एक राष्ट्र, एक कर' के प्रयास में सरदार पटेल के दृढ़ संकल्प से प्रेरणा ली होती, तो परिणाम बेहतर हो सकते थे.