Tax Defaulter: लोगों को समय पर अपना टैक्स चुकाना चाहिए, नहीं तो दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है. वहीं अब एमसीडी की ओर से एक अहम कदम उठाया जाने वाला है, जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है. दरअसल, एमसीडी की ओर से बकाया टैक्स के खिलाफ अभियोजन शुरू करने वाला है. आइए जानते हैं इसके बारे में...


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संपत्ति कर बकाया


दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनका संपत्ति कर बकाया 25 लाख रुपये से अधिक है और जल्द ही ऐसे ‘कर चोरों’ के खिलाफ अभियोजन शुरू किया जाएगा. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने एक बयान में ऐसे सभी संपत्ति मालिकों से पोर्टल के जरिए यूपीआईसी (विशिष्ट संपत्ति पहचान कोड) आईडी निकालने की अपील की है, जिनका डाटा उसकी वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है.


आंकड़ों का विश्लेषण 


इसमें कहा गया कि यूपीआईसी आईडी पाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है. बयान में कहा गया कि एमसीडी नागरिकों को बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. इस दिशा में काम करते हुए इसके मूल्यांकन और संग्रह विभाग ने बकाया संपत्ति कर से संबंधित आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद उन मालिकों की पहचान की है, जिनके संपत्ति कर की बकाया राशि 25 लाख रुपये से अधिक है.


एमसीडी करेगा कानूनी कार्रवाई


इसमें कहा गया कि दिल्ली नगर निगम अधिनियम के अनुसार, स्व-मूल्यांकन के आधार पर संपत्ति कर जमा करने का दायित्व पूरी तरह से संपत्ति मालिकों का है. एमसीडी जल्द ही संपत्ति कर बकायेदारों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी और उनके खिलाफ मुकदमा दायर करेगी. बयान में कहा गया कि अधिनियम के अनुसार यदि संपत्ति कर की बकाया राशि 25 लाख रुपये से अधिक हो जाती है तो तीन महीने से सात साल तक कठोर कारावास की सजा हो सकती है, साथ ही कर चोरी की राशि के 50 प्रतिशत से कम जुर्माना नहीं होगा. (इनपुट: भाषा)