पहचान कौन? कभी चॉल में रहता था यह शख्स, आज दुबई में महलनुमा विला का मालिक
Reliance Industries: अनीस साजन ने अपने बड़े भाई रिजवान साजन को अरबों डॉलर का डेन्यूब ग्रुप बनाने में मदद की. अनीस साजन आज खाड़ी बेस्उ बिजनेस ग्रुप के उपाध्यक्ष हैं. 21 साल की उम्र में अनीस 1992 में दुबई पहुंचे थे. उन्होंने सबसे पहला काम डेन्यूब ग्रुप की सैनिटरी डिवीजन शुरू की.
Businessman in Chawl's: जब मुकेशन अंबानी के जब बचपन की बात होती है तो वह और उनका परिवार एक समय मुंबई की साधारण सी चॉल में रहता थे. आज वह एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं. जी हां, बिजनेस टाइकून मुकेश अंबानी और उनके भाई अनिल अंबानी भुलेश्वर में एक कमरे में बड़े हुए हैं. वह वहां 8-9 लोग एक साथ रहते थे. उनका परिवार जब मुंबई की चॉल में रहता था तो उस समय रिलायंस के दूरदर्शी संस्थापक धीरूभाई अंबानी अपने सपनों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे.
आज अरबों-खबरों के मालिक
लेकिन अंबानी फैमिली की सफलता की कहानी एक मात्र ऐसी कहानी नहीं है जो मुंबई की चॉल से निकली हो. इसमें दूसरा नाम एचडीएफसी के फाउंडर एचटी पारेख का भी है. लेकिन आज हम आपको एक और बिजनेस टाइकून के बारे में जानकारी देंगे, जिन्होंने मुंबई के चॉल से शुरुआत और आज वह अरबों-खबरों के मालिक हैं. जी हां, डेन्यूब ग्रुप के अनीस साजन एक ऐसी ही शख्सियत हैं जिन्होंने मुंबई की चॉल में अपने जीवन की शुरुआत की थी.
मजबूरी में 200 रुपये पर किया काम
अनीस साजन, मुंबई की एक चॉल में पले-बढ़े. अब उन्होंने दुबई की सबसे महंगी प्रॉपर्टी लोकेशन में एक हवेली खरीदी. वह घाटकोपर के पंत नगर चॉल में पले-बढ़े और अब दुबई में एमिरेट्स हिल्स में एक महलनुमा विला के मालिक हैं. पिता आस्कर अली साजन की असमय मौत के बाद अनीस साजन परिवार को काफी मुश्किल दौर से पड़ा. जीवन की कठिनाइयों के बीच उन्होंने एक बार 200 रुपये कमीशन के लिए सेल्समैन का काम किया.
अनीस साजन ने अपने बड़े भाई रिजवान साजन को अरबों डॉलर का डेन्यूब ग्रुप बनाने में मदद की. अनीस साजन आज खाड़ी बेस्उ बिजनेस ग्रुप के उपाध्यक्ष हैं. 21 साल की उम्र में अनीस 1992 में दुबई पहुंचे थे. उन्होंने सबसे पहला काम डेन्यूब ग्रुप (Danube Group) की सैनिटरी डिवीजन शुरू की. उनके बड़े भाई रिजवान ने टिम्बर डिवीजन पर फोकस किया. उन्होंने ग्रुप को 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा के कारोबार तक पहुंचाया. साजन परिवार मध्य-पूर्व क्षेत्र में सबसे प्रमुख भारतीय व्यापारिक परिवारों में से एक बन गया.